त्रिफला चूर्ण के फायदे, नुकसान और 12 प्रमुख स्वास्थ्य लाभ

त्रिफला चूर्ण यह एक प्राकृतिक और प्रभावी आयुर्वेदिक मिश्रण है, जो तीन प्रमुख फल आंवला, हरड़ और बहेड़ा से मिलकर बनता है। इस आर्टिकल में हम त्रिफला चूर्ण के फायदे, नुकसान और 12 प्रमुख स्वास्थ्य लाभ के बारे में चर्चा करने वाले है। त्रिफला चूर्ण के नाम को यदि समझने का कोशिश करे तो हमे यह समझ आएगा की हम किसी ऐसे चूर्ण की बात कर रहे है जो तीन प्रकार के फलों से मिलकर बना है

वर्तमान समय में खराब जीवन शैली के कारण और गलत खानपान के कारण अक्सर लोगों को अपच, कब्ज, कमजोर इम्यूनिटी, हाई कोलेस्ट्रॉल, मोटापा, चर्म रोग की समस्या, खाज खुजली, कमजोर आँखें, खील मुंहासे, पिंपल्स इत्यादि की समस्या हो जाती है और इन समस्याओं को ठीक करने के लिए अक्सर आम व्यक्ति रोजाना कई तरह के अंग्रेजी दवाइयों का सेवन करते है और अपने स्वास्थ्य को और बिगाड़ते चले जाते है।

लेकिन क्या आपको पता है की हमारे प्राचीन आयुर्वेद में त्रिफला को बहुत गुणकारी आयुर्वेदिक फलों का मिश्रण बताया गया है जो कई प्रकार के सामान्य जीवन से सम्बंधित समस्या को जड़ से ख़त्म करने के क्षमता रखता है और आजीवन हमारे शारीर को कई प्रकार के समस्याओं से सुरक्षित रखता है। चलिए विस्तार पूर्वक जानते है त्रिफला चूर्ण के फायदे, नुकसान और 7 प्रमुख स्वास्थ्य लाभ के बारे में।

त्रिफला चूर्ण क्या होता है

आंवला, हरड़ और बहेड़ा इन तीनों गुणकारी प्राकृतिक फलों को सुखाकर और उसे पीसकर जो चूर्ण बनाया जाता है उसे त्रिफला का चूर्ण कहते हैं।

आंवला, हरड़ और बहेड़ा इन तीनों फल के मिश्रण को त्रिफला कहते हैं, त्रिफला को जूस बनाकर, चूर्ण बनाकर अथवा टैबलेट तीनों के रूप में सेवन किया जा सकता है, जूस, चूर्ण अथवा टैबलेट तीनों ही रूपों यह एक समान फायदेमंद होता है और स्वास्थ्य को बहुत अच्छा लाभ पहुंचाता है।

त्रिफला चूर्ण के घटक | Ingredients of Triphala Churna

त्रिफला चूर्ण का तीन सबसे मुख्य घटक है आंवला, हरड़ और बहेड़ा है, इन तीन प्राकृतिक फलों से मिलकर त्रिफला बनता है और इन तीनों फलों को सुखाकर जो चूर्ण बनाया जाता है उसे त्रिफला चूर्ण कहते हैं।

आंवला, हरड़ और बहेड़ा यह तीनों ही कई तरह के आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर होती है जो स्वास्थ्य को निरोगी एवं लंबे समय तक स्वस्थ बनाए रखने में सहायता करते हैं। इन तीनों फलों के विशेषताओं के बारे में नीचे जानकारी दी गई है। 

1. आमला

त्रिफला चूर्ण में आमला की विशेषता:- आंवला भारत में पाई जाने वाली बहुत आम प्राकृतिक फल है जिसको कई स्थानों पर अचार बनाकर अपने आहार में इस्तेमाल किया जाता है कई स्थानों पर आंवले की सब्जी और मिठाइयां भी बनाई जाती है। 

आमला विटामिन सी से भरपूर फल होता है जो त्रिफला चूर्ण में एंटीऑक्सीडेंट के गुणों को लाता है। आमला पेट में पाचन की समस्या, एनीमिया, संक्रमण, लीवर, हृदय संबंधित समस्या अथवा फेफड़ों से संबंधित समस्या में भी बहुत फायदेमंद होता है। 

आमला बालों के लिए एवं चेहरे के लिए भी बहुत अच्छा माना जाता है। मेडिकल की दुकानों पर आमला का तेल अथवा आमला युक्त फेस वॉश देखने को मिल सकते हैं। 

2. हरड़

त्रिफला चूर्ण में हरड़ की विशेषता:- हरड़ पेट से संबंधित एवं पाचन से संबंधित समस्या के लिए काफी गुणकारी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी माना जाता है। 

त्रिफला चूर्ण में हरड़ पाचन से संबंधित समस्या जैसे कब्ज, पेट दर्द, पेट की सूजन, पेट में गैस इत्यादि को ठीक करने में सहायता करता है। 

3. बहेड़ा

त्रिफला चूर्ण में बहेड़ा की विशेषता:- बहेड़ा को आयुर्वेद में दर्द निवारक जड़ी बूटी भी कहते हैं। यह एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है। त्रिफला में बहेड़ा के इस्तेमाल होने के कारण यह शरीर में होने वाले छोटे-मोटे घाव, जैविक संक्रमण, मुंह, मसूड़े, कान में सूजन, अथवा चेहरे पर कील मुंहासे जैसे समस्याओं को ठीक कर देता है। 

त्रिफला आंवला, हरड़ और बहेड़ा इन तीनों गुणकारी प्राकृतिक फलों के मिश्रण से बनता है और इसका चूर्ण को रोजाना अपने आहार में शामिल करने से यह हमारे शरीर को कई प्रकार के बाहरी समस्या एवं बीमारियों से निरोग रखता है। 

चलिए अब जानते हैं त्रिफला चूर्ण के मुख्य फायदे क्या है, क्यों त्रिफला चूर्ण को इस्तेमाल करना चाहिए। 

त्रिफला चूर्ण के मुख्य फायदे | Triphala Churna Benefits in Hindi

त्रिफला चूर्ण के अनेकों फायदे हैं।  कुछ समान्य समस्याएं जो अक्सर सामान्यतः लोगों को हो जाती है व उन समस्याओं में त्रिफला चूर्ण किस प्रकार फायदा पहुंचाता है उसके बारे में निचे जाकारी दी गयी है।

Triphala Churna Benefits in Hindi
Triphala Churna Benefits in Hindi (त्रिफला चूर्ण के मुख्य फायदे)

1. पाचन सुधारे

खराब जीवनशैली और खराब खान-पान के कारण अक्सर लोगों को पाचन से संबंधित कई प्रकार की समस्याएं जैसे कब्ज, दस्त, अपच, पेट में दर्द, पेट में भारीपन, पेट में ऐंठन इत्यादि हो जाती है। 

इन समस्याओं से बचने के लिए त्रिफला चूर्ण बहुत फायदेमंद आयुर्वेदिक चूर्ण माना जाता है क्योंकि त्रिफला में आंवला होता है जो विटामिन C से भरपूर होता है और यह पेट की कई प्रकार की पाचन सम्बंधित समस्याएं जैसे गैस, एसिडिटी, पेट में जलन, दस्त इत्यादि को ठीक करता है। 

त्रिफला चूर्ण के फायदे की बात करे तो इसका सबसे मुख्य फायदा है पाचन को ठीक करना। पेट के पाचन को ठीक करने के लिए त्रिफला का चूर्ण, टेबलेट अथवा त्रिफला जूस तीनों ही भी बहुत लाभकारी होता हैं।

2. वजन कम करे

बिना किसी मुस्किल डाइट और बिना किसी मुस्किल व्यायाम के वजन कम करना है तो उसके लिए त्रिफला जूस या त्रिफला चूर्ण बहुत कारगर आयुर्वेदिक उपाय हो सकता है। शारीर का वजन बढ़ना यह पेट अथवा पाचन से जुडी समस्या होती है जिसे त्रिफला चूर्ण कर रोजाना सेवन करने से ठीक किया जा सकता है।

त्रिफला चूर्ण शरीर को पूरी तरह डीटॉक्सिफाई करता है, मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और शरीर में मौजूद अनावश्यक वसा को शरीर से बाहर निकलता है जिससे शारीर का वजन कम होता है।

त्रिफला चूर्ण में इस्तेमाल किया गया बहेड़ा एक प्राकृतिक एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो शरीर को कई तरह के संक्रमण से बचाती है इसके अतिरिक्त यह शरीर के मेटाबॉलिज्म को तेज करता है जिससे पाचन में सुधार होता है और यह शरीर के विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में सहायता करता है।

त्रिफला हमारे शारीर के अतिरिक्त वासा को बाहर निकालता है जिससे मोटापा घटता है

रोजाना सुबह उठने के बाद एक गिलास पानी में एक चम्मछ त्रिफला चूर्ण मिलाकर पीने से या फिर रोजाना रात को सोने से 2 से 3 घंटे पहले पानी में मिलाकर त्रिफला चूरन पीने से काफी तेजी से वजन करने में सहायता मिलता है। 

3. इम्युनिटी बढ़ाये

त्रिफला में आंवला एक मुख्य घटक होता है और यह इम्यूनिटी का भंडार है इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन c पाया जाता है जो शरीर के इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए बहुत आवश्यक होते है। 

साथ ही त्रिफला चूर्ण में हरड़ का इस्तेमाल भी किया गया है जो शरीर के आतंरिक गन्दगी को साफ रखती है यह भी शारीर में इम्युनिटी बढाने के लिए आवश्यक होता है। त्रिफला चूर्ण में हरड़ का गुण शरीर में प्रवेश करने वाले परजीवी से रक्षा करता है जिससे शारीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है।

हरड़ शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालकर शरीर को डिटॉक्सिफाई करता है साथ ही बहेड़ा कई तरह के जैविक संक्रमण से शरीर को सुरक्षित रखता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है। 

4. आंखों के लिए लाभकारी

त्रिफला चूर्ण में इस्तेमाल किया गया आमला आंखों के लिए बहुत अच्छा होता है, दरअसल आमला में पॉलीफेनॉल, विटामिन सी, क्वार्सिटीन जैसे कई गुणकारी तत्व पाए जाते हैं जो आंखों की रक्त परिसंचरण को सुधारते हैं इसके साथ ये नेत्र पाली को भी मजबूत बनाते हैं जिससे इससे आंखें स्वस्थ रहती है।

त्रिफला चूर्ण का सेवन करने से मोतियाबिंद और नीलिमा जैसे गंभीर आंखों की बिमारियों का सिकार होने से बचा जा सकता है। 

कई बार आंखों में बैक्टीरियल संक्रमण अथवा जैविक संक्रमण के कारण आंखों में खुजली या आंखों में सूजन आ जाती है। बहेड़ा में उपस्थित टैनिक एसिड और गैलिक एसिड आंखों में मौजूद जैविक संक्रमणबैक्टीरियल संक्रमण को खत्म करता हैं और आंखों को संक्रमण से करता हैं। 

यदि आंखों से जुड़ी किसी भी प्रकार का समस्या हो तो त्रिफला चूर्ण का सेवन करना चाहिए इससे आंखों के बीमारी पर असर डालने वाले अन्य कारकों को त्रिफला अपने गुणों से ठीक करता है। 

यदि रोजाना इसका सेवन किया जाए तो संक्रमण से फैलने वाली बीमारी अथवा समस्याओं से शरीर सुरक्षित रहता है। 

5. त्वचा निखारे

जैसा कि हमने ऊपर भी बताया है त्रिफला में इस्तेमाल किया गया आमला हरड़ और बहेड़ा इन तीनों में प्राकृतिक रूप से कई प्रकार के विटामिंस और एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। एंटीऑक्सीडेंट वे पदार्थ होते हैं, जो रोगाणु और मुक्त-रैकिकाओं से लड़ने में मदद करते हैं।

त्रिफला चूर्ण में एंटीऑक्सीडेंट का गुण उपस्थित होता है जो हमारे शरीर के त्वचा को पोषण प्रदान करता है और उसे कील मुंहासे, एवं पिंपल्स इत्यादि से सुरक्षित रखता हैं। 

आंवला और बहेड़ा का गुण शरीर को आंतरिक रूप से डिटॉक्सिफाई करता है, साफ करता है जिससे शरीर की अंदरूनी गर्मी एवं गंदगी साफ हो जाती हैशरीर की अंदरूनी गर्मी एवं गंदगी पिंपल्स और मुंहासे होने के मुख्य कारणों में से एक होते हैं। 

त्रिफला चूर्ण को सुबह-सुबह पानी के साथ घोलकर पी सकते हैं इसके अलावा इस चूर्ण का लेप बनाकर अपने चेहरे पर भी लगा सकते हैं। त्रिफला चूर्ण को लेप की तरह इस्तेमाल करने से काफी फायदा मिलता है और यह चेहरे को निखारता है।

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6. ब्लड प्रेशर नियंत्रित करे

त्रिफला चूर्ण में इस्तेमाल किया गया आमला बहुत गुनी प्राकृतिक फल होता है। आमला में प्राकृतिक रूप से विटामिन सी और पॉलीफेनॉल होता है, यह रक्त की धमनियों को मजबूत करता है, कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायता करता है व हृदय की धमनियों को साफ करके उसमें रक्त प्रवाह को सुचारू रूप से चलने में मदद करता है। 

इसीलिए त्रिफला चूर्ण को हृदय रोग एवं कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्या को ठीक करने के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। 

त्रिफला चूर्ण में इस्तेमाल किया गया बहेड़ा यह बहुत गुणकारी प्राकृतिक जड़ी बूटी होता है। इसमें प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले टैनिक एसिड, गैलिक एसिड, चिकोसाइड इत्यादि होते हैं जो रक्त में संकुचन एवं रक्त की धमनियों में बनने वाले गांठ की समस्याओं को ठीक करते हैं एवं हार्ट अटैक जैसे समस्याओं को होने से शरीर को बचाते हैं। 

7. बालों के लिए फायदेमंद

आंवला बालों के लिए बहुत अच्छा प्राकृतिक फल माना जाता है। यह बालों को पोषण प्रदान करता है जिससे बाल लंबे और घने होते हैं। अक्सर आपने ग्रोसरी अथवा मेडिकल की दुकान पर आंवले से बनी हुई शैंपू अथवा तेल को बेचते हुए देखा होगा।

त्रिफला चूर्ण में इस्तेमाल किया गया आंवला एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टी के साथ आता है जो बालों को अच्छे से बड़े होने में एवं काले घने होने में सहायता करता है। 

विटामिन c बालों को चमकदार और मजबूत बनाते हैं एवं बालों को तेजी से बढ़ने में मदद करते हैं।

8. कब्ज के लिए रामबाण इलाज

कब्ज पेट से जुड़ी एक प्रमुख समस्या में से एक है जो पेट के पाचन क्रिया का सही ना होने के कारण एवं गलत खानपान के कारण होता है। त्रिफला पेट से जुड़ी समस्या जैसे कब्ज, अपच, पेट में भारीपन, ऐंठन इत्यादि को ठीक करने के लिए एक रामबाण इलाज माना जाता है। 

त्रिफला चूर्ण पेट के चयापचय प्रक्रिया को सुधारते हैं एवं पाचन क्रिया को आसान बनाते हैं। त्रिफला चूर्ण के कारण कब्ज की समस्या या मल त्यागने में कठिनाई की समस्या को ठीक करता है। 

कब्ज की समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा पाने के लिए त्रिफला चूर्ण को रोजाना सुबह एक चम्मच पानी में मिलाकर पीने से बहुत कार का लाभ मिलता है

9. चर्म रोग दूर करे

त्रिफला चूर्ण में आंवला, हरड़ और बहेड़ा के मिश्रण के कारण एंटीऑक्सीडेंट, anti-inflammatory, एंटीमाइक्रोबॉयल, और एंटीफंगल गुण कूट-कूट के पाए जाते हैं जो प्रचार से संबंधित लगभग हर प्रकार की समस्याओं को ठीक करने में सहायता करते हैं। 

अधिकतर इंसान को अपने जीवन में कभी ना कभी चर्म रोग जैसे कील मुंहासे, पिंपल्स, चेहरे पर दाग धब्बे, फुंसी फोड़े, मृत कोशिकाएं इत्यादि होता ही है। चर्म रोग होने का सबसे मुख्य कारण होता है शरीर के अंदर गंदगी का जमाव होना अथवा गलत खानपान। 

त्रिफला चूर्ण अपने एंटीऑक्सीडेंट, anti-inflammatory, एंटीमाइक्रोबॉयल, और एंटीफंगल गुण के कारण त्वचा को चर्म रोग से सुरक्षित रखती है अथवा त्वचा को साफ सुथरा एवं चमकदार बनाता है। 

त्रिफला चूर्ण को कोई भी व्यक्ति प्राकृतिक क्लींजर, स्क्रबर, मॉइश्चराइजर या नेचुरल फीलिंग के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। यह मुंहासे, चेहरे के काले दाग धब्बे, फुंसी फोड़े अथवा डेड स्किन सेल्स इत्यादि को हटाता है और त्वचा को चमकदार एवं जवान बनाता हैं। 

रोजाना त्रिफला चूर्ण को पानी में मिलाकर पीने से शरीर की अंदरूनी गर्मी भी साफ होती है और शरीर डिटॉक्सिफाई होता है जिसके कारण चर्म रोग होने की संभावनाएं बहुत कम हो जाती है।

10. अच्छा एंटीऑक्सीडेंट

त्रिफला चूर्ण मैं आमला एक बहुत ही अच्छा विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर घटक है साथ मै आयुर्वेदिक जड़ी बूटी बहेड़ा एंटीबैक्टीरियल गुरु से भरपूर होता है। 

अच्छा एंटीऑक्सीडेंट शरीर के प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है जिससे बाहरी संक्रमण से शरीर की रक्षा होती है। त्रिफला चूर्ण में एंटी ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में उपलब्ध है इसलिए यह जैविक संक्रमण, बुखार, सर्दी जुकाम जैसे अक्सर होने वाले रोगों से शरीर की रक्षा करता है। 

अच्छा एंटीऑक्सीडेंट रक्त में शर्करा को नियंत्रित करता है जिससे शुगर की बीमारी को रोकने में सहायता मिलती है। 

11. कैंसर विरोधी गुण

त्रिफला चूर्ण के अनेकों फाइलों में से एक यह भी है कि यह चूर्ण कई तरह के कैंसर से संबंधित लक्षणों को कम करने में सहायता करता है जिससे कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी को ठीक होने में सहायता मिलती है। 

एक अध्ययन के अनुसार त्रिफला में गैलिक एसिड के गुण पाए जाते हैं जो कैंसर विरोधी गतिविधियों के लिए जिम्मेदार होते हैं। 

त्रिफला कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में और कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने में सहायक होती है। त्रिफला चूर्ण में इस्तेमाल किया गया बहेड़ा एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है और कई तरह के जैविक संक्रमण को खत्म करने की क्षमता रखता है। 

12. अधिक कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित करे

यदि किसी को अधिक कोलेस्ट्रॉल की समस्या है तो उसके लिए त्रिफला चूर्ण, टेबलेट या त्रिफला जूस यह तीनों ही कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में बहुत सहायक होती है। 

कोलेस्ट्रॉल एक प्रकार का वसा होता है, जो शरीर के कोशिकाओं में पाया जाता है, त्रिफला शारीर में उपस्थीत अधिक वसा को बहुत आसानी से एवं सुरक्षित तरीके से कम करने में सक्षम होती है।

त्रिफला चूर्ण के फायदे तो अनेकों है लेकिन इस आर्टिकल में हमने त्रिफला चूर्ण के मुख्य फायदों के बारे में जानकारी दी है। त्रिफला एक ऐसा आयुर्वेदिक दावा है जिसको बिना किसी बिमारी के स्थिति में भी अपने स्वास्थ को सुरक्षित रखने के लिए रोजाना इसका सेवन कर सकते है।

त्रिफला चूर्ण के नुकसान | Triphala Churna Ke Nuksan

त्रिफला चूर्ण पूरी तरह से आयुर्वेदिक होता है जिसको रोजाना एक नियमित मात्रा में अच्छे स्वास्थ्य के लिए सेवन किय अज सकता है। क्योंकि त्रिफला चूर्ण आयुर्वेदिक होता है इसलिए इससे किसी भी प्रकार का कोई गहरा साइड इफ़ेक्ट देखने को नहीं मिलता लेकिन कुछ स्थितियां ऐसी हो सकती है जब इससे व्यक्ति को मुक्सान पहुँच सके।

त्रिफला चूर्ण से कुछ विशेष परिस्थितियों में निम्नलिखित नुकसान देखने को मिल सकते है:

1. त्रिफला चूर्ण का अचानक से बहुत अधिक सेवन करने से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल साइड इफेक्ट हो सकता है व अधिक दावा खा लेने से भी कई नुकसान हो सकता है जैसे पेट दर्द, उलटी इत्यादि।

2. यह एक आयुर्वेदिक दावा है जिसको बिना डॉक्टर के सलाह के इस्तेमाल कर सकते है लेकिन अन्य बिमारी के दवाई के साथ त्रिफला चूर्ण का सेवन करना नुकसानदायक हो सकता है इसलिए पहले से ही चल रहे दवाई के साथ लेने से पहले डॉटर से सलाह जरूर लेना चाहिए।

3. यदि किसी व्यक्ति की त्वचा बहुत संवेदनशील है अथवा उन्हें आयुर्वेदिक दवाइयां सूट नहीं करती तब उस व्यक्ति को आयुर्वेदिक त्रिफला चूर्ण का सेवन करने से एलर्जी हो सकता है।

4. इसके अधिक सेवन करने से दस्त और पेचिश की समस्या हो सकती है।

5. कुछ लोगों को इससे अधिक नींद आने की समस्या भी होने लगती है।

6. गर्भवती महिला अथवा स्तन पान कराने वाली महिला को त्रिफला चूर्ण के सेवन से नुकसान पहुँच सकता है, ऐसी स्थिति में बच्चे के ऊपर भी बुरा असर पड़ सकता है। गर्भवती महिला या स्तन पान कराने वाली महिला को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

पतंजलि त्रिफला चूर्ण के फायदे

पतंजलि दिव्य त्रिफला चूर्ण, पतंजलि आयुर्वेद के द्वारा निर्मित एक आयुर्वेदिक दवा है। पतंजलि त्रिफला चूर्ण का मुख्य इस्तेमाल कब्ज, अपच और पेट फूलने की समस्या को आयुर्वेदिक दवा के द्वारा ठीक करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

पतंजलि त्रिफला चूर्ण के निम्नलिखित फायदे एवं विशेषताएं है:

  • पतंजलि त्रिफला चूर्ण प्राकृतिक स्त्रोत से बना है जो विशेष रूप से पाचन सम्बंधित समस्या को ठीक करने में उपयोगी होता है
  • पतंजलि त्रिफला चूर्ण कब्ज की समस्या को हमेशा हमेशा के लिए जड़ से ठीक करने का दावा दावा करता है
  • यह चूर्ण पेट के अन्दर की गन्दगी को साफ़ कर शारीर में एक नया ताजापन और उर्जा लाता है
  • पतंजलि त्रिफला चूर्ण पेट के संक्रमण की समस्या को भी ठीक करती है
  • पतंजलि का त्रिफला चूर्ण पेट के पाचन क्रिया को मजबूत करता है
  • पतंजलि का त्रिफला चूर्ण कब्ज, गैस, पेट में ऐठन, पेचिस, खट्टी डकार और अपच इत्यादि को जड़ से ठीक कर सकती है

उपरोक्त सभी पतंजलि त्रिफला चूर्ण के मुख्य फायदे है इसके साथ ही पतंजलि त्रिफला चूर्ण उन सभी समस्याओं को ठीक कर सकता है जो समस्याएं त्रिफला टेबलेट और जूस ठीक कर सकती है।

बैद्यनाथ त्रिफला चूर्ण के फायदे

बैद्यनाथ त्रिफला चूर्ण, बैद्यनाथ आयुर्वेद के द्वारा निर्मित एक आयुर्वेदिक दवा अथवा चूर्ण है जो कब्ज, अपच और पेट से जुडी पाचन की समस्या को आयुर्वेदिक तरीके से ठीक करती है।

बैद्यनाथ त्रिफला चूर्ण के निम्नलिखित फायदे एवं विशेषताएं है:

  • बैद्यनाथ त्रिफला चूर्ण पाचन ठीक करता है
  • गैस की समस्या दूर करता है
  • अपच की समस्या दूर करता है
  • खट्टे डकार की समस्या दूर करता है
  • पाचन प्रक्रिया को सुधारता है
  • शारीर के अन्दर की गन्दगी को ठीक करता है
  • कब्ज की समस्या ठीक करता है
  • चर्म रोग होने से रोकता है
  • इम्युनिटी को बूस्ट करता है
  • ब्लड सुगर को कम करता है
  • मोटापा को कम करता है
  • कोलेस्ट्रोल की समस्या दूर करता है
  • विटामिन C की प्राप्ति होती है

उपरोक्त सभी पतंजलि बैद्यनाथ त्रिफला चूर्ण के फायदे है। बैद्यनाथ भारत की सबसे पुरानी आयुर्वेदिक दावा निर्माता कंपनी मानी जाती है और बैद्यनाथ आयुर्वेद के द्वारा निर्मित आयुर्वेदिक दवाइयां बहुत कारगर होती है।

त्रिफला गुग्गुल के फायदे

त्रिफला गुग्गुल एक आयुर्वेदिक दावा है जो त्रिफला (आंवला, हरड और बहेड़ा) और गुग्गुल (पेड़ का गोंद) के सामग्री से बनता है। त्रिफला गुग्गुल में वे सही फायदे होते है जो त्रिफला का सेवन करने से मिलती है। गुग्गुल का सबसे प्रमुख फायदा होता है की यह त्वचा एवं चर्म रोग से सम्बंधित समस्याओं को ठीक करने के लिए काफी फायदेमंद होती है।

त्रिफला गुग्गुल की विशेषता है की यह त्रिफला और गुगुल का मिश्रण है। गुगुल एक प्रकार का गोंद जैसा सामग्री होता है जो पेड़ के छालो से निकलता है। त्रिफला गुग्गुल खील, मुंहासे, खुजली और एग्जिमा की समस्या में बहुत फायदेमंद होता है।

त्रिफला चूर्ण बनाने की विधि | How to Make Triphala Churna at Home in Hindi

त्रिफला चूर्ण को बहुत सरलता से घर पर ही बनाया जा सकता है और इसको बनाने की विधि बहुत सरल है। त्रिफला चूर्ण को आम्बला, हरड और बहेड़ा के फलों को सुखाकर बनाया जाता है। त्रिफला चूर्ण बनाने की विधि निम्नलिखित चरणों के द्वारा समझ सकते है।

त्रिफला चूर्ण बनाने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स को फोलो करें

Step 1. सबसे पहले आंवला, बहेड़ा और हरड को 3:2:1 के हिसाब से ले लें अर्थात आंवला 45 ग्राम है तो बहेड़ा 30 ग्राम होना चाहिए और हरड 15 ग्राम।

Step 2. तीनों फलों को धो कर अच्छे से धुप में 4 से 5 दिनों तक या जब तक तीनों पूरी तरह से सुख न जाए तब तक सुखा लेना है।

Step 3. तीनों फलों को अच्छे से सुखा लेने के बाद उनमे से बीजों को निकाल लेना है।

Step 4. बीज निकालने के बाद सूखे हुए फल को एक बार सूखे कढाई में भुन लें और उसे ठंडा होने दें।

Step 5. ठंडा होने के बाद अब तीनों को एक साथ या अलग अलग ग्राइंडर में पीस लें और अब आपका घर पे बना हुआ त्रिफला चूर्ण तैयार है।

उपरोक्त विधि से 100% आयुर्वेदिक और गुणों से भरपूर त्रिफला चूर्ण को घर पर ही बनाया जा सकता है और यह सेहत के लिए बहुत लाभदायी और फायदेमंद होता है। यदि आप अपना शारीर को हमेशा के लिए निरोग बनाए रखना चाहते है तो आपको रोजाना ही त्रिफला चूर्ण का सेवन करना चाहिए। यह पूरी तरह प्राकृतिक होता है जिसका किसी भी प्रकार का दुस्प्रभाव नहीं होता।

इस आर्टिकल में हमने त्रिफला चूर्ण के फायदे, नुकसान और 12 प्रमुख स्वास्थ्य लाभ के बारे में बहुत विस्तारपूर्वक चर्चा की है चलिए अब त्रिफला चूर्ण से सम्बंधित कुछ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर के बारे में भी जान लेते है।

FaQ

त्रिफला चूर्ण कौन कौन सी बीमारी में काम आता है?

त्रिफला चूर्ण कब्ज, गैस, पेट में ऐठन, पेचिस, खट्टी डकार और अपच इत्यादि को जड़ से ठीक कर सकती है। यह आंवला, हरड और बहेड़ा के फलों को पीस कर बनाया गया बहुत गुणकारी आयुर्वेदिक दावा है जो मुख्य रूप से शारीर का पाचन से सम्बंधित हर प्रकार के समस्या को ठीक करने में काम आती है।

क्या त्रिफला चूर्ण रोज खा सकते हैं?

हाँ, त्रिफला चूर्ण प्राकृतिक फल आंवला, हरड और बहेड़ा के मिश्रण से बनता है। अपने शारीर को छोटे मोटे समस्या और बिमारियों से दूर रखने के लिए त्रिफला चूर्ण रोज खा सकते है।

त्रिफला रोज लेने से क्या होता है?

त्रिफला का रोज सेवन करने से आपके शारीर की पाचनक्रिया स्वस्थ रहती है और आप पाचन से सम्बंधित कब्ज, गैस, पेट में ऐठन, पेचिस, खट्टी डकार और अपच इत्यादि के समस्या से सुरक्षित रहते है। त्रिफला शारीर के इम्युनिटी को बढ़ा कर अन्दर और बाहर दोनों तरफ से मजबूत करता है।

त्रिफला चूर्ण कितने दिन खाना चाहिए

त्रिफला चूर्ण को रोजाना पानी के साथ खाली पेट लिया जा सकता है। यह प्राकृतिक फल आंवला, हरड और बहेड़ा के मिश्रण से बनता है इसलिए इसका किसी भी प्रकार का शारीर पर कोई दुस्प्रभाव नहीं पड़ता।

त्रिफला चूर्ण किस कंपनी का अच्छा होता है

त्रिफला चूर्ण किसी भी आयुर्वेदिक कंपनी का अच्छा हो सकता है बस लेते वक्त आपको ध्यान में रखना चाहिए की उसमे केवल आंवला, हरड और बहेड़ा का ही इस्तेमाल किया गया है इसके अलावा किसी भी प्रकार का कोई केमिकल का इस्तेमाल ना किया गया हो।

निष्कर्ष

इस आर्टिकल में हमने त्रिफला चूर्ण के फायदे, नुकसान और 12 प्रमुख स्वास्थ्य लाभ के बारे में बहुत विस्तारपूर्वक बातें की है। इस आर्टिकल को पढ़ कर आप समझ सकते है की त्रिफला चूर्ण क्या है और इसका रोजाना सेवन करने से हमारे शारीर को कितना फायदा मिलता है। त्रिफला को आयुर्वेद में बहुत गुणकारी फलों का मिश्रण माना जाता है जिसके अनेकों स्वास्थ्य लाभ है।

आशा है त्रिफला चूर्ण के फायदे, नुकसान और प्रमुख स्वास्थ्य लाभ का यह आर्टिकल आपको जानकारी से भरपूर लगी होगी। आर्टिकल पूरा पढने के लिए आपका धन्यवाद।

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