आज हम इस लेख में महायोगराज गुग्गुल के फायदे और नुकसान एवं इसके घटक और साइड इफेक्ट के बारे में बात करने वाले हैं।
योगराज गुग्गुल से अधिक पॉवर की दवाई महायोगराज गुग्गुल है। योगराज गुग्गुल के उपयोग से कई प्रकार की समस्याओं में लाभ मिलता है लेकिन इसका प्रभाव जटिल व गंभीर समस्या में सीमित हो जाता है लेकिन महायोगराज गुग्गुल में उपयोग की गयी जड़ी बूटियां अधिक शक्तिशाली होती है जो गंभीर और जटिल समस्या में भी लाभ प्रदान करती है।
योगराज गुग्गुल शरीर में दर्द, सूजन, तनाव, चिंता एवं पाचन की समस्याओं में लाभ प्रदान करता है महायोगराज गुग्गुल इन समस्याओं से अधिक और जटिल समस्याओं में लाभ प्रदान करता है। चलिए जानते हैं महायोगराज गुग्गुल के फायदे और नुकसान एवं इसके घटक और साइड इफेक्ट के बारे में विस्तार पूर्वक।
महायोगराज गुग्गुल के घटक एवं उसके फायदे
महायोगराज गुग्गुल कई प्रकार के दुर्लभ आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां के मिश्रण से बनता है महायोगराज गुग्गुल की सबसे बड़ी विशेषता इसमें उपयोग की गई जड़ी बूटी एवं उन जड़ी बूटी से मिलने वाले लाभ है।
महायोगराज गुग्गुल में अनेकों आयुर्वेदिक जड़ी जड़ी बूटियों का प्रयोग किया जाता है कुछ विशेष घटक जिसके प्रभाव अधिक है उसके उदाहरण चित्रक, यवानी, जीरा, गोखरू, अजमोद, सेंधा नमक, रसना और गोक्षुरा इत्यादि सम्मिलित है।
महायोगराज गुग्गुल का घटक लगभग योगराज गुग्गुल के समान ही है बस इसमें उपयोग की गयी कुछ जड़ी बूटी की मात्रा में अंतर देखने को मिलता है।
महायोगराज गुग्गुल के घटक एवं उसके फायदे निम्नलिखित हैं:
- चित्रक: चित्रक को आयुर्वेद में बहुगुणी जड़ी बूटी कहा जाता है इसके उपयोग से पाचन तंत्र को सुधारने में मदद मिलती है। चित्रक में चोट के सूजन को कम करने एवं त्वचा रोग की समस्या को ठीक करने वाले गुण पाए जाते हैं।
- यवानी: अर्थात आजवाइन यह पाचन के लिए बहुत अच्छा होता है इसको रोजाना एक चम्मच सेवन करने से गैस की समस्या, पाचन की समस्या एवं पेट दर्द की समस्या हमेशा दूर रहती है।
- गोखरू: गोखरू आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है यह मूत्र से संबंधित समस्याओं में और यौन समस्याओं में लाभ देने के लिए उपयोग किया जाता है।
- विडंग: शरीर में लगे चोट और संक्रमण को ठीक करने में सहायक होता है।
- जीरा: जीरा को रोजाना सामान्य आहार में उपयोग किया जाता है, जीरा पाचन से संबंधित समस्या जैसे गैस, पेट में जलन, अपच और पेट दर्द इत्यादि में लाभ देता है।
- अभ्रक भस्म: इसको महायोगराज गूगल में यौन समस्या में लाभ देने के लिए उपयोग किया गया है।
- लौह भस्म: योगराज गूगल में यह तत्व खून को बढ़ाने में एवं एनीमिया जैसी समस्याओं को ठीक करने के लिए उपयोग किया गया है।
- बंग भस्म (वंग भस्म): यह शरीर को छोटे-मोटे बीमारियां जैसे सर्दी खांसी जुकाम इत्यादि से दूर रखता है इससे शरीर की इम्युनिटी सिस्टम मजबूत होती है।
- रासना: रासना गठिया एवं संधिवात की बीमारियों में फायदेमंद होता है इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण और सूजन, चोट को कम करने वाले गुण मौजूद होते हैं यह शरीर में लगे चोट के दर्द को काम करता है।
- गोक्षुर: मूत्र से संबंधित रोगों में एवं मूत्र रोग के संक्रमण में फायदेमंद होता है।
महायोगराज गुग्गुल में ऐसे घटकों का उपयोग किया गया है जो पाचन सुधारने, जोड़ों के दर्द का इलाज करने, शरीर के प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने अथवा मूत्र और यौन स्वास्थ्य समस्याओं का आयुर्वेदिक इलाज करने में काम आते है।
इसे भी जानिये
महायोगराज गुग्गुल के फायदे और नुकसान
महायोगराज गुग्गुल बहुगुणी आयुर्वेदिक दवा है इसमें कई दुर्लभ जड़ी बूटियों का मिश्रण है जो इस आयुर्वेदिक दवा को बहुत प्रभावी दवा बनाता हैं। इसका उपयोग कई प्रकार के शारीरिक समस्याओं में लाभ पहुंचाने के लिए किया जाता है, महायोगराज गुग्गुल जिन मुख्य समस्याओं में फायदा पहुंचती है उसकी जानकारी निम्नलिखित दी गई है।
महायोगराज गुग्गुल के फायदे | Mahayograj Guggulu Benefits in Hindi
निम्नलिखित समस्या होने पर महायोगराज गुग्गुल का उपयोग किया जाता है:
1. सर्वांग वात: महायोगराज गुग्गुल मुख्य रूप से वात से संबंधित शारीरिक समस्याओं में अधिक लाभ पहुंचाता है शरीर में किसी भी प्रकार का वात संबंधित समस्या हो यह सभी वात विकार को संतुलित करता है और वात जनित समस्याओं को कम करता है।
2. संधिवात: यानी कि शरीर में जहां-जहां संधि से संबंधित समस्या होती है जैसे जोड़ों की संधि में दर्द हाथ की संधि में दर्द अथवा सूजन इत्यादि उस जगह पर यह दर्द और सूजन में लाभ देता है सूजन और दर्द को कम करने में मदद करता है।
3. आमवात: गठिया की समस्या के कारण होने वाले सूजन एवं दर्द की समस्या को आमवत कहा जाता है महायोगराज गुग्गुल में ऐसे घटक उपयोग किए गये है जो गठिया के दर्द और सूजन को ठीक करते हैं और आमवात की समस्या में फायदा पहुँचते है।
4. अर्धांग वात: महायोगराज गुग्गुल अर्धांग वात (हेमिप्लेजिया) में लाभकारी है, अर्धांग वात गठिया रोगों की श्रेणी में ही आता है।
5. पक्षाघात: महायोगराज गुग्गुल पक्षाघात (पैरालिसिस) के उपचार में फायदेमंद होता है।
6. कंपवात: महायोगराज गुग्गुल को कंपवात (ट्रेमर्स) में उपयोग किया जाता है इसके उपयोग से लाभ मिलता है।
7. सिरदर्द: विभिन्न प्रकार के सिरदर्द में राहत प्रदान करने के लिए महायोगराज का उपयोग किया जाता है।
8. दांत दर्द: दांत दर्द की समस्या में लाभ प्राप्त करने के लिए महायोगराज गुग्गुल का उपयोग कर सकते है इससे फायदा पहुंचता है।
9. नेत्र रोग: नेत्रों से संबंधित रोगों में भी इसका उपयोग किया जाता है।
10. कान दर्द: कान के दर्द में आराम पहुंचाता है।
11. जांघों में दर्द: महायोगराज गुग्गुल में दर्द निवारक कई सारी जड़ी बूटियां उपयोग की गई है जो जोड़ों के दर्द, चोट के दर्द को ठीक करते हैं। यदि आपके जांघ में दर्द हो रहा है या पैर के किसी भी भाग में दर्द हो रहा हो तो उस दर्द को आराम दिलाने में महायोगराज गुग्गुल फायदेमंद साबित हो सकता है।
12. बवासीर: यदि बवासीर का इलाज आयुर्वेदिक पद्धति के द्वारा किया जा रहा है तब कुछ लक्षण में महायोगराज गुग्गुल बवासीर को ठीक करने में सहायक हो सकता है।
13. वातरक्त: आयुर्वेदिक चिकित्सा में योगराज गुग्गुल एवं महायोगराज गुग्गुल यह दोनों आयुर्वेदिक औषधियां बहुत लाभकारी माने जाते हैं। इस दवा से वातरक्त अर्थात गठिया रोग का काफी अच्छे से उपचार होता है।
14. मेद वृद्धि: योगराज में उपयोग किए गए आयुर्वेदिक घटक शरीर में अधिक चर्बी को नियंत्रित करने में सहायक होता है, योगराज में उपयोग की गई त्रिफला मोटापे को बढ़ने से रोकती है।
15. उदावर्त: महायोगराज गुग्गुल के घटक पेट से संबंधित समस्याएं जैसे पाचन की समस्या, कब्ज एवं पेट दर्द की समस्या में लाभ पहुंचता है महायोगराज गुग्गुल में उपयोग किया गया अजवाइन, जीरा और काला नमक यह सब उदावर्त की समस्या में लाभदायक होते हैं।
16. उदर रोग: पाचन, अपच, पेट में गैस बनना, पेट में ऐंठन, मरोड़ उठना एवं पेट में दर्द होना इन सभी तरह के उदार रोग यानी के पेट के रोग में महायोगराज गुग्गुल काफी फायदेमंद आयुर्वेदिक दवा साबित होता है।
17. पुरुषों के वीर्यदोष: महायोगराज गुग्गुल के घटक गोखरू आयुर्वेदिक जड़ी बूटी पुरुषों के यौन समस्या में लाभ देते हैं।
18. स्त्रियों के रजोदोष: स्त्रियों में मासिक धर्म से संबंधित समस्यायें जैसे अनियमितता और दर्द में हायोगराज गुग्गुल फायदेमंद साबित हो सकता है। हायोगराज गुग्गुल को बनाने में इस्तेमाल की गयी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी चित्रक अनियमित और मासिक धर्म जैसी स्त्री संबंधित समस्या और इससे होने वाले परेशानियों में लाभ पहुंचती है।
उपरोक्त सभी महायोगराज गुग्गुल के फायदे हैं, योगराज गूगल अनेकों प्रकार की छोटी-मोटी शारीरिक समस्याओं में और विशेष रूप से गठिया एवं वात रोग से संबंधित समस्या में लाभ प्रदान करता है। उपरोक्त सभी महायोगराज गुग्गुल के फायदे थे चलिए अभी आगे योगराज महायोगराज गुग्गुल के फायदे और नुकसान के इस लेख में महायोगराज गुग्गुल के नुकसान के बारे में जानते हैं।
महायोगराज गुग्गुल के नुकसान
अभी तक महायोगराज गुग्गुल के उपयोग करने पर किसी भी प्रकार का कोई नुकसान हो ऐसा नहीं देखा गया है क्योंकि यह एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का मिश्रण से बना गुग्गुल है।
इस दवा का सेवन करने पर कोई भारी स्वास्थ्य में नुकसान हो ऐसा होना संभव नहीं लेकिन कुछ स्थितियों में महायोगराज गुग्गुल के उपयोग करने पर शरीर में कुछ तरह के साइड इफेक्ट्स जरूर देखे जा सकते हैं।
इसे भी जानिये
- योगराज गुग्गुल के फायदे और नुकसान
- चंद्रप्रभा वटी के फायदे, उपयोग, तासीर
- पतंजलि दिव्य मेधा वटी के फायदे नुकसान
महायोगराज गुग्गुल के साइड इफ़ेक्ट
महायोगराज गुग्गुल आमतौर पर सुरक्षित होता है, लेकिन कुछ मामलों में इसके साइड इफ़ेक्ट्स देखने को मिल जाते है हाँलकी यह कोई गंभीर समस्या उत्पन्न नहीं करता लेकिन साइड इफ़ेक्ट होने पर कुछ परेशानी ज़रूर हो सकती है।
महायोगराज गुग्गुल के साइड इफ़ेक्ट निम्नलिखित है:
- पेट में जलन
- उल्टी
- दस्त
- उच्च रक्तचाप
महायोगराज गुग्गुल सेवन विधि
दवाई चाहे आयुर्वेदिक हो या फिर अंग्रेजी दोनों को चिकित्सक के सलाह के बाद ही उपयोग में लेना चाहिए। महायोगराज गुग्गुल का सेवन करने का तरीका प्रत्येक व्यक्ति के उम्र, लिंग और वर्तमान की शारीरिक अवस्था के ऊपर निर्भर करता है।
सामान्यतः महायोगराज गुग्गुल को एक युवा अथवा व्यस्क व्यक्ति दिन में दो बार सेवन करता है, चूर्ण की मात्रा 1-1 चम्मच से 2-2 चम्मच भी हो सकती है।
अधिकतर आयुर्वेदिक टेबलेट या दवाई को हल्का गुनगुना पानी या दूध के साथ ही सेवन किया जाता है।
योगराज गुग्गुल और महायोगराज गुग्गुल में क्या अंतर है
जैसा कि हमने पहले ही बता दिया है कि महायोगराज गुग्गुल और योगराज गुग्गुल दोनों आयुर्वेदुक गुग्गुल लगभग एक समान घटक के इस्तेमाल से ही बनाये गये है लेकिन फिर भी बहुत से लोग कंफ्यूज हो जाते है और महायोगराज गुग्गुल और योगराज गुग्गुल दोनों के अंतर के बारे में जानने की इक्षा रखते है।
तो चलिए कोई बात नहीं जानते हैं योगराज गुग्गुल और महायोगराज गुग्गुल में क्या अंतर है।
योगराज गुग्गुल | महायोगराज गुग्गुल |
---|---|
योगराज गुग्गुल में 29 आयुर्वेदिक तत्व तत्व होते हैं। | महायोगराज गुग्गुल में 31 आयुर्वेदिक तत्व होते हैं। |
इसमें 27 जड़ी-बूटियों का बारीक चूर्ण होता है। | इसमें भी सभी आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का चूर्ण है। |
इसके घटक में देवदारु, त्रिपुष्प, कुष्ट, काली मिर्च, साइपरस, रास्ना, काला नमक, इलायची, यवक्षार और यवनी शामिल हैं। | इसके घटक में आसा, सरसों, रेणुका, कुटज, पाठा, गजपिप्पली, कटुकी, अतिविषा, भारंगी, वच और मुर्वा शामिल हैं। |
कोई भी भारी धातु तत्व नहीं होता है। | इसमें वंग भस्म, रजत भस्म, नाग भस्म, लौह भस्म, अभ्रक भस्म, मंडूरा भस्म और रस सिन्दुरा जैसे तत्व शामिल हैं। |
अधिक सुरक्षित माना जाता है। | भारी धातु तत्वों की कम और सुरक्षित मात्रा के कारण अधिक शक्तिशाली होता है। |
विशेष रूप से रूमेटाइड आर्थराइटिस, आंतों के कीड़े की समस्या, पेट में पानी भरना और प्लीहा के बढ़ने में संकेत दिया जाता है। | विशेष रूप से त्वचा रोग, बवासीर, मूत्र पथ रोग, अवशोषण सिंड्रोम, फिस्टुला, पुरानी श्वसन रोग, मिर्गी, छाती की भीड़, अस्थमा, खांसी, भूख न लगना और पुरुष और महिला बांझपन के उपचार में संकेत दिया जाता है। |
उपरोक्त कॉलम योगराज गुग्गुल और महायोगराज गुग्गुल के बीच में अंतर को दर्शाते है।
FaQ related to महायोगराज गुग्गुल के फायदे और नुकसान
महायोगराज गुग्गुल के क्या फायदे हैं?
महायोगराज गुग्गुल गठिया रोग और वात जनित कई शारीरिक रोगों को ठीक करता है इसके अलावा यह पेट के पाचन तंत्र, यौन स्वास्थ्य एवं त्वचा रोग के समस्याओं में फायदा पहुंचता है।
महायोगराज गुग्गुल किसे नहीं लेना चाहिए?
महायोगराज गुग्गुल आयुर्वेदिक दवा है लेकिन इसमें कई भरी धातु तत्वों का इस्तेमाल किया गया है इसलिए इसको स्तनपान कराने वाली महिला एवं नवजात शिशुओं को उपयोग में नहीं लेना चाहिए।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल में हमने महायोगराज गुग्गुल के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा किया है आशा है आपको यह लेख पढके आपके जरुरत की जानकारी प्राप्त हुई होगी। आर्टिकल पूरा पढने के लिए आपका धन्यवाद.