घर पर ऐसे बनायें तीन फलों का चूर्ण, रोजाना सेवन करने से कोषों दूर रहेगी बीमारियाँ

तीन फलों का चूर्ण, जिसे आयुर्वेद में “त्रिफला चूर्ण” कहा जाता है, भारतीय औषधीय परंपरा में विशेष महत्व रखता है। यह चूर्ण तीन प्रमुख फलों – आंवला, बिभीतक (बहेड़ा), और हरितकी (हरड़) से मिलकर बना होता है।

त्रिफला चूर्ण को रोजाना सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता है और कई बीमारियों से बचाव होता है। इसे घर पर आसानी से बनाया जा सकता है। आइए जानते हैं इसे बनाने की विधि और इसके फायदे:

घर पर त्रिफला चूर्ण कैसे बनायें

त्रिफला चूर्ण बनाने की विधि

आवश्यक सामग्री

  1. आंवला (Indian Gooseberry) – 100 ग्राम
  2. बिभीतक (बहेड़ा) (Terminalia bellirica) – 100 ग्राम
  3. हरितकी (हरड़) (Terminalia chebula) – 100 ग्राम

चूर्ण बनाने का तरीका

  1. फलों को सुखाएं: आंवला, बिभीतक और हरितकी के फल को धूप में अच्छी तरह से सुखा लें ताकि इनमें नमी न रहे। आप सूखे हुए फलों का भी उपयोग कर सकते हैं, जो बाजार में आसानी से उपलब्ध होते हैं।
  2. फलों को पीसें: सूखे हुए फलों को मिक्सी या ग्राइंडर में डालकर बारीक चूर्ण बना लें। हर फल को अलग-अलग पीसें ताकि अच्छी तरह से बारीक हो जाएं।
  3. मिश्रण तैयार करें: सभी तीन फलों के पाउडर को बराबर मात्रा (100 ग्राम प्रत्येक) में लेकर एक बर्तन में मिलाएं।
  4. संग्रह करें: तैयार त्रिफला चूर्ण को एक सूखे और साफ जार में स्टोर करें। इसे आप लंबे समय तक इस्तेमाल कर सकते हैं।

त्रिफला चूर्ण के फायदे

1. पाचन तंत्र को सुधारता है

त्रिफला चूर्ण पाचन क्रिया को मजबूत करता है और कब्ज, अपच, एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है। यह चूर्ण पेट की सफाई करता है और पाचन तंत्र को सक्रिय बनाए रखता है। इसलिए यदि आप अपने पाचन तंत्र को मजबूत करना चाहते हैं तो आप त्रिफला चूर्ण का इस्तेमाल नियमित रूप से करें

2. रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है

त्रिफला में विटामिन सी और एंटीऑक्सिडेंट्स प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। इसका नियमित सेवन शरीर को बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है।

 3. डायबिटीज को नियंत्रित करता है

त्रिफला चूर्ण ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसका सेवन शरीर में इंसुलिन की मात्रा को स्थिर रखता है, जिससे डायबिटीज के मरीजों को फायदा होता है और  डायबिटीज भी नियंत्रित में रहती है

4. हृदय स्वास्थ्य को सुधारता है

त्रिफला चूर्ण हृदय के लिए भी फायदेमंद होता है। यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करता है और ब्लड प्रेशर को सामान्य बनाए रखता है। इससे हृदय रोगों का खतरा कम होता है। 

 5. त्वचा और बालों के लिए लाभकारी

आंवला, बिभीतक और हरितकी तीनों फलों में एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो त्वचा को स्वस्थ और जवान बनाए रखने में मदद करते हैं। इसके नियमित सेवन से बाल मजबूत और घने होते हैं। ऐसे में यदि आप अपने त्वचा और बालों को मजबूत और आकर्षक करना चाहते हैं तो आप त्रिफला चूर्ण का सेवन कर सकते हैं.

6. वजन घटाने में सहायक

जैसा कि आप लोगों को मालूम है कि यदि आपके शरीर का वजन अधिक है तो आपको कई प्रकार के गंभीर बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है ऐसे में वजन को घटाने के लिए आप त्रिफला चूर्ण का सेवन कर सकते हैं।  त्रिफला चूर्ण का सेवन मेटाबोलिज्म को बढ़ाता है और शरीर से अतिरिक्त वसा को कम करने में मदद करता है। यह वजन घटाने के लिए एक प्राकृतिक और सुरक्षित उपाय है। 

7. आंखों के स्वास्थ्य में सुधार

त्रिफला चूर्ण आंखों के लिए भी लाभकारी होता है। यह आंखों की रोशनी को बेहतर बनाता है और आंखों की थकान, लालिमा और जलन से राहत दिलाता है। कई लोग इसका इस्तेमाल आंखों को धोने के लिए भी करते हैं, जिससे आंखों की स्वच्छता बनी रहती है।

8. लिवर डिटॉक्स में सहायक

त्रिफला चूर्ण शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। इसका सेवन लिवर को स्वस्थ रखता है और शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में सहायता करता है।

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