पतंजलि दिव्य मेधा वटी क्या है:- दिव्य मेधा वटी एक आयुर्वेदिक टेबलेट है जो मस्तिष्क के तनाव एवं तंत्रिका तंत्र से संबंधित समस्याओं में लाभ प्रदान करती है इस लेख में हम मेधा वटी के फायदे नुकसान के विषय में ही बात करने वाले है। मेधा वटी कई दुर्लभ आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों को मिलाकर बनाया जाता है और इस दवाई को मुख्य रूप से मस्तिष्क एवं मस्तिष्क से जुड़ी समस्याओं में लाभ पाने के लिए उपयोग किया जाता है।
मेधा वटी आयुर्वेदिक दवा को भारत में विभिन्न कई आयुर्वेदिक कंपनियाँ भिन्न-भिन्न नामों से प्रचार करके बेचती है लेकिन इस लेख में हम पतंजलि आयुर्वेद के द्वारा निर्माण की जाने वाली पतंजलि दिव्य मेधा वटी के फायदे व नुकसान के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा करने वाले है।
दिव्य मेधा वटी के फायदे नुकसान | पतंजलि दिव्य मेधा वटी एक्स्ट्रा पावर के फायदे
दिव्य मेधा वटी ब्राम्ही, शंखपुष्पी, वचा, उस्तेखद्दुसा, अश्वगंधा जैसे कई दुर्लभ आयुर्वेदिक जड़ी बूटी के मिश्रण से बनाई जाती है जिस्मे प्रत्येक जड़ी बूटी के स्वयं वहूत चमत्कारी फ़ायदे है लेकिन जब इन सभी जड़ी बूटी को एक साथ मिलकर एक मेधा वटी बनाई जाती है तो यह बहुत सी जटिल मस्तिष्क से संबंधित समस्याओं के में कारगर लाभ पहुँचाती है।
पतंजलि दिव्य मेधा वटी एक्स्ट्रा पावर कैप्सूल या फिर मेधा वटी आयुर्वेदिक औषधि विशेष रूप से उन लोगों के लिए बनाई गई है जो मानसिक तनाव, चिंता, अवसाद और अन्य मानसिक समस्याओं से परेशान रहते है।
दिव्य मेधा वटी के फायदे नुकसान को जानने से पहले ये आवश्यक है की हेम यह जान लेना चाहिए की दिव्य मेधा वटी को कौन व्यक्ति इस्तेमाल कर सकता है या फिर मनुष्य शरीर में कैसा लक्षण दिखाई दे तब मेधा वटी को लाभ प्राप्त करने हेतु इस्तेमाल करना चाहिए।
यदि किसी व्यक्ति में निम्नलिखित लक्षण पाए जाते है तब उसे दिव्य मेधा वटी को समस्या का इलाज के लिए उपयोग में लेना चाहिए।
लक्षण:
- मानसिक थकान:- ऐसी स्थिति जब व्यक्ति का मस्तिष्क हमेशा थका हुआ महसूस करता है या फिर थोड़ा सा भी किसी विषय के बारे में सोचते ही मन में थकान महसूस होने लगती है या सिर भारी होने लगता है।
- ध्यान में कमी:- किसी भी विषय के बारे में ध्यान केंद्रित करके सोच नहीं पाते या चीजों को याद करने में दिक्कत होती है।
- याददाश्त की समस्या:- चीजें बहुत जल्दी भूलने लगते है या किसी चीज के बारे में जल्दी याद नहीं आती।
- अनिद्रा:- रात को सोने का मन तो करता है लेकिन बिस्तर पर लेटने के बाद घंटों तक नींद नहीं आती और करवटें बदलते रहते है।
- चिंता और तनाव:- बहुत से चीजों के बारे में बहुत ज्यादा सोचना और सोचने के कारण सिर में दर्द महसूस होने लगना या सिर भारी होने लगना चिंता और तनाव की निशानी है।
- अवसाद:- किसी बात को लेकर मन में अवसाद उत्पन्न होना।
इत्यादि।
यदि किसी व्यक्ति में उपरोक्त में से कोई भी लक्षण दिखाई देता है अथवा दिखाई देती है तो उसे दिव्य मेधा वटी आयुर्वेदिक टेबलेट डॉक्टर उपयोग में लेने की सलाह दे सकते है। इस आयुर्वेदिक दवा को बिना डॉक्टर की सलाह के उपयोग में नहीं लिया जाना चाहिए।
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दिव्य मेधा वटी के फायदे निम्नलिखित है:
1. मस्तिष्क एवं तंत्रिका तंत्र पर काम करती है
दिव्य मेधा वटी आयुर्वेदिक दवा मुख्य रूप से मस्तिष्क से संबंधित समस्याएं जैसे मस्तिष्क में तनाव, थकान, याददाश्त में कमजोरी, चीजों को बहुत जल्दी भूल जाना, फोकस की कमी इत्यादि समस्याओं को ठीक करने में उपयोगी होती है।
मेधा वटी में उपयोग की गई आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां जैसे अश्वगंधा मस्तिष्क में उठने वाले अवसाद ठीक करने में, ब्राह्मी तंत्रिका तंत्र से संबंधित समस्याएं ठीक करने में एवं जटामांसी मिर्गी तथा दौरा पड़ने की समस्या ठीक करने में उपयोग की जाती है।
मेधा वटी में उपयोग की गई सभी दुर्लभ जड़ी बूटियां किसी ना किसी प्रकार के मस्तिष्क से संबंधित समस्याएं एवं तंत्रिका तंत्र से संबंधित समस्याओं के इलाज में उपयोगी होती है इसलिए यह आयुर्वेदिक दवा मस्तिष्क एवं तंत्रिका तंत्र की समस्या में विशेष फायदा पहुंचती है।
2. याददाश्त बढ़ाती है
भागदौड़ भरी जिंदगी में याददाश्त की कमजोरी यह एक आम समस्या है, क्योंकि छोटी-मोटी बातों को तो अक्सर लोग भूल जाते है लेकिन कई व्यक्ति प्रतिदिन होने वाले कार्य एवं कुछ समय पहले घटित बातों को भी भूल जाते है याद नहीं रख पाते है। यह गंभीर याददाश्त की कमजोरी की समस्या की ओर इशारा करता है।
दिव्य मेधा वटी में उपयोग की गई दुर्लभ जड़ी बूटियां मनुष्य के याददाश्त को बढ़ाती है और चीजों को याद करने की क्षमता को बढ़ाती है। जिन लोगों को पल दो पल में चीजों को भूलने की समस्या हो जाती है या फिर अत्यधिक तनाव के कारण चीज याद नहीं रह पाती यह उनकी याददाश्त को स्थिर करके याददाश्त शक्ति को बढ़ाने का कार्य करती है।
3. अनिद्रा से छुटकारा दिलाती है
अनिद्रा यह खासकर शहरी जीवन में अधिक देखा जाता है। नींद ना आने का सबसे सामान्य और मुख्य कारण सही दिनचर्या का पालन न करना माना जाता है अर्थात जिस समय निद्रा लेने की आवश्यकता होती है उस समय व्यक्ति अपने किसी कार्य में अथवा फोन चलाने में व्यस्त होता है एवं जब जागने का समय होता है तब वह व्यक्ति निद्रा पाने की या सोने की कोशिश करता है। ऐसी स्थिति व्यक्ति के मस्तिष्क को असमंजस में डाल देती है एवं तनावपूर्ण बना देती है।
इन सभी कार्यों के कारण व्यक्ति अनिद्रा की समस्याओं से परेशान होने लगता है एवं धीरे-धीरे अनिद्रा की समस्या इतनी बढ़ जाती है कि व्यक्ति निद्रा में जाने के लिए लिए नींद की टेबलेट अथवा नींद की दवाइयां का सेवन करने लग जाता है जो व्यक्ति की समस्या को भविष्य में और भी बढ़ा देता है।
4. मिर्गी के खतरे को कम करती है
मिर्गी आने के पीछे सबसे मुख्य कारण मनुष्य के तंत्रिका तंत्र में गड़बड़ी या फिर तंत्रिका तंत्र में समस्या उत्पन्न होना माना जाता है। यदि किसी व्यक्ति को मिर्गी हो तो उसके लिए कई संभावित कारण होते हैं जैसे न्यूरोट्रांसमीटर नामक तंत्रिका-सिग्नलिंग रसायनों का असंतुलन, ट्यूमर, स्ट्रोक, और बीमारी या चोट से मस्तिष्क क्षति इत्यादि।
जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि पतंजलि दिव्य मेधा वटी में उपयोग की गई दुर्लभ आयुर्वेदिक जड़ी बूटियाँ तंत्रिका तंत्र से संबंधित समस्याओं में कितना लाभ प्रदान करती हैं।
दिव्य मेधा वटी में उपयोग की गई ब्राह्मी जड़ी बूटी केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करती है एवं जटामांसी जड़ी बूटी मिर्गी के दौरे या फिर अचानक पढ़ने वाले स्ट्रोक को ठीक करने का कार्य करती है।
आयुर्वेदिक डॉक्टर मिर्गी की समस्या वाले मरीज को लाभ देने के लिए मेधा वटी आयुर्वेदिक दवा अन्य सहयोगी दवाइयां के साथ उपयोग के लिए दे सकते हैं।
5. चिड़चिड़ेपन या गुस्से को कम करती है
मस्तिष्क में चिड़चिड़ापन या गुस्सा अधिक होना है मस्तिष्क में अधिक तनाव के कारण होता है और मस्तिष्क के तनाव को कम करने के लिए मेधा वटी आयुर्वेदिक दवा बहुत कारगर मानी जाती है।
मस्तिष्क में अधिक तनाव का होना अधिक चिंता करने के कारण होता है और कुछ संभावनाओं में अधिक फिजिकल एक्टिविटी करने से भी मस्तिष्क पर दबाव पड़ता है।
दिव्य मेधा वटी में उपयोग किए गए आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां मनुष्य के मस्तिष्क को शांत करने के साथ-साथ व्यक्ति के पूरे शरीर को रिलैक्स करने का भी काम करती है। जब शरीर रिलैक्स होता है तो मस्तिष्क रिलैक्स होता है और जब मस्तिष्क रिलैक्स होता है इसके उपरांत व्यक्ति चिड़चिड़ापन एवं गुस्सा को भूल जाता है।
दिव्य मेधा वटी एक्स्ट्रा पॉवर के अन्य प्रमुख फायदे
मेधा वटी एक्स्ट्रा पॉवर के प्रमुख फ़ायदे निम्नलिखित है:
- यह स्मृति को बढ़ाने में सहायक है।
- यह एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है।
- यह तनाव से राहत प्रदान करने वाला एडेप्टोजेनिक गुण रखता है।
- यह सूजन को कम करने वाला एंटी-इंफ्लेमेटरी है।
- यह शांति प्रदान करने वाला सेडेटिव है।
- यह तनाव को कम करने वाला एंटी-स्ट्रेस और एंटीडिप्रेसेंट है।
- यह चिंता को कम करने वाला एंग्ज़ियोलिटिक है।
- यह मस्तिष्क को सुरक्षित रखने वाला न्यूरोप्रोटेक्टिव है।
- यह पाचन में सहायक कार्मिनेटिव है।
- यह पेट के लिए लाभकारी स्टोमैकिक है।
उपरोक्त सभी दिव्य मेधा वटी एक्स्ट्रा पॉवर के अन्य प्रमुख फायदे है।
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दिव्य मेधा वटी एक्स्ट्रा पॉवर के घटक
दिव्य मेधा वटी एक्स्ट्रा पॉवर के घटक में ब्राम्ही, शंखपुष्पी, वचा, उस्तेखद्दुसा, अश्वगंधा, मालकागनी, सौंफ समेत कई आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया गया है. दवा के लेबल पर मौजूद जानकारी के मुताबिक पतंजलि मेधा वटी में निम्न जड़ी-बूटियां शामिल हैं :
ब्राह्मी (Bacopa monnieri)
पौध
113.85 मिलीग्राम
शंखपुष्पी (Convolvulus pluricaulis)
पौध
113.85 मिलीग्राम
घोड़बच (Acorus calamus)
जड़
56.77 मिलीग्राम
उस्तेखद्दूस (Lavandula stoechas)
फूल
56.77 मिलीग्राम
अश्वगंधा (Withania somnifera)
जड़
56.77 मिलीग्राम
मलकांगनी (Celastrus paniculatus)
बीज
56.77 मिलीग्राम
सौंफ (Foeniculum vulgare)
फल
56.77 मिलीग्राम
पुष्करमूल (Inula racemosa)
जड़
56.77 मिलीग्राम
गंजवन (Onosma bracteatum)
पौध
56.77 मिलीग्राम
फाइन पाउडर:
ब्राह्मी (Bacopa monnieri)
पौध
37.47 मिलीग्राम
शंखपुष्पी (Convolvulus pluricaulis)
पौध
37.47 मिलीग्राम
बाल बच (Iris germanica)
जड़
5.66 मिलीग्राम
शुद्ध बच (Acorus calamus)
जड़
3.70 मिलीग्राम
अश्वगंधा (Withania somnifera)
जड़
9.37 मिलीग्राम
मलकांगनी (Celastrus paniculatus)
बीज
9.37 मिलीग्राम
शतावरी (Asparagus racemosus)
जड़
9.37 मिलीग्राम
सुगंधबला (Valeriana wallichii)
जड़
9.37 मिलीग्राम
प्रवाल पिष्टी
1.87 मिलीग्राम
जहरमोहरा पिष्टी
0.94 मिलीग्राम
मुक्ता पिष्टी
0.37 मिलीग्राम
अतिरिक्त पदार्थ:
गम अकासिया
10.0 मिलीग्राम
एरोसिल
7.5 मिलीग्राम
टेलकम
5.0 मिलीग्राम
मेधा वटी के नुकसान
पतंजलि दिव्य मेधा वटी का उपयोग करने से कोई गंभीर नुकसान या दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिलता लेकिन इस दवा के अनजाने में अधिक उपयोग करने से उल्टी, पेट दर्द की समस्या हो सकती है अथवा कुछ व्यक्तियों को इससे एलर्जी की समस्या भी होती है पर इसकी संभावना बहुत कम है.
मेधा वटी खाने का तरीका
दिव्य मेधा वटीको खाने का तरीका बहुत ही सरल है इस मेधा वटी के टेबलेट को रोजाना एक या दो टेबलेट दूध के साथ लिया जा सकता है या फिर पानी के साथ भी इसे उपयोग में ले सकते है। परंतु दिव्य मेधा वटी आयुर्वेदिक टेबलेट को लेने पर फायदा तभी मिल सकता है जब इसको आयुर्वेदिक डॉक्टर के सलाह उपरांत उपयोग करें।
FaQ for दिव्य मेधा वटी के फायदे नुकसान
मेधा वटी कब खाना चाहिए
मेधा वटी टैबलेट को खाना खाने के बाद गुनगुने पानी या फिर दूध के साथ खाया जा सकता है और इसका सेवन दिन में दो बार करना चाहिए।
मेधा वटी फॉर एंग्जायटी
पतंजलि दिव्य मेधा वटी आयुर्वेदिक टैबलेट एंग्जायटी, थकान, अनिद्रा, अधिक सोचना एवं मस्तिष्क पर तनाव जैसी समस्याओं में राहत प्राप्त करने के लिए उपयोग में ले सकते है।
Medha Vati kitne din khana chahiye
आयुर्वेदिक डॉक्टर आपको शारीरिक जांच के अनुसार मेधा वटी टैबलेट को लेने की सही अवधि बता सकते है पर इस दवा को औसतन 3 हफ्ते तक लिया जाता है।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल में हमने पतंजलि दिव्य मेधा वटी के फायदे नुकसान के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा की है एवं दिव्य मेधा वटी के घटक के बारे में विस्तृत सूचना दी है। दिव्य मेधा वटी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के लिए एक प्रभावी और सुरक्षित आयुर्वेदिक टेबलेट है। यह मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में मदद करती है और मानसिक स्थिरता प्रदान करती है।
हालांकि, इसे उपयोग करने से पहले चिकित्सकीय परामर्श आवश्यक है। सही निदान और परीक्षण के साथ, दिव्य मेधा वटी का उपयोग मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक हो सकता है। आशा है इसलिए को पढ़कर आपको आपकी जरूरत की जानकारी प्राप्त होगी।