बहुत अधिक धातु रोग की समस्या होना शरीर का प्रोस्टेट ग्लैंड के बिगड़ने से हो सकता है या फिर बहुत अधिक कामोत्तेजक विचार अथवा मैथुन करने से होता है।
दिव्य यौवनामृत वटी, पतंजलि अश्वगंधा कैप्सूल, दिव्य यौवन चूर्ण और पतंजलि सफेद मूसली इत्यादि ये सब पुराने से पुराने धातु रोग की दवा पतंजलि आयुर्वेद कंपनी के द्वारा निर्मित किये जाते है।
यदि आप धातु रोग से ग्रसित है और धातु रोग की दवा जो पतंजलि द्वारा निर्मित हो उसके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो बने रहिये इस आर्टिकल के साथ इसमें पुराने धातु रोग की दवा पतंजलि के Top 7 list के बारे में बताई गयी है।
1. पतंजलि दिव्य यौवनामृत वटी – पुराने धातु रोग की दवा
धातु रोग के निवारण में पतंजलि दिव्य यौवनामृत वटी अहम भूमिका निभाता है इसके अंदर अश्वगंधा (Withaniasomnifera) शुद्ध कौंच (Mucuna pruriens) शतावर (Asparagus racemosus) सफेद मूसली (Chlorophytum arundinaceum) जावित्री (Myristica fragrans जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो धातु रोग को ठीक करने में सहायक होते हैं।
इस औषधि को पतंजलि कंपनी के द्वारा बनाया गया है जिसका उपयोग धातु रोग की समस्या में लाभ प्राप्त करने के लिए उपयोग किया जाता है। इस औषधि के इस्तेमाल करने के कई फायदे और नुकसान है जिसके बारे में नीचे जानकारी दी गयी है।
यौवनामृत वटी की मुख्य सामग्री और उसकी प्रमुख विशेषताएं क्या है
मुख्य सामग्री | विशेषताएं |
अश्वगंधा | यौन शक्ति बढाये और तनाव कम करे |
शुद्ध कौंच | शुक्राणुओं की गुणवत्ता और संख्या में वृद्धि |
शतावर | यौन इच्छा को बढाये |
सफेद मूसली | यौन शक्ति और ऊर्जा बढाये |
जायफल | यौन उत्तेजना और शक्ति बढाये |
स्वर्ण भस्म | ऊर्जा बढाये और यौन क्षमता में सुधार करे |
वंग भस्म | स्खलन का समय बढाये |
शिलाजीत | यौन शक्ति बढाये और संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार करे |
पतंजलि दिव्य यौवनामृत वटी के फायदे क्या है?
- पतंजलि दिव्य यौवनामृत वटी के अंदर शिलाजीत और अश्वगंधा जैसे तत्व पाए जाते हैं जो आपको धातु रोग और शीघ्रपतन जैसे बीमारी के निवारण में फायदा पहुंचाते है।
- इसके अंदर अश्वगंधा और सफेद मूसली पाई जाती है जो फिजिकल वीकनेस को को दूर करती हैं।
- यौन संबंध बनाने के दौरान जल्दी थक जाते हैं तो उसे समस्या को दूर करने के लिए आप पतंजलि दिव्य यौवनामृत वटी औषधि का उपयोग कर सकते हैं इसके अंदर सफेद मूसली शिलाजीत और अश्वगंधा पाया जाता है।
पतंजलि दिव्य यौवनामृत वटी के नुकसान
पतंजलि दिव्य यौवनामृत वटी इस्तेमाल करने के कोई साइड इफेक्ट नहीं होते हैं लेकिन यदि आप इसका इस्तेमाल अधिक करते हैं तो आपको इसके साइड इफेक्ट का सामना करना पड़ेगा क्योंकि कई लोग इसका प्रयोग स्टेमिना बढ़ाने के लिए करते हैं इसलिए आप सीमित मात्रा में इसका इस्तेमाल करें और इस्तेमाल करने से पहले किसी चिकित्सक से एडवाइस जरूर लें।
पतंजलि दिव्य यौवनामृत वटी लेने का तरीका
यदि आप इस औषधि को लेना चाहते हैं तो प्रत्येक दिन आप एक टैबलेट ही प्रयोग में लाएं और एक बात का ध्यान रखें कि इसे इस्तेमाल करने से पहले किसी चिकित्सक से परामर्श जरूर ले इसके अलावा जब आप इस औषधि को खरीद कर बाजार से लाएंगे तो उसके पैकेजिंग के ऊपर आपको कैसे इसका प्रयोग करना है उसके बारे में पूरी जानकारी लिखी जाती है उसे ध्यान से पढ़ लीजिएगा।
2. पतंजलि कामसुधा योग कैप्सूल – पुराने धातु रोग की दवा
कामसुधा योग धातु रोग के बीमारी के उपचार में काफी सहायक भूमिका निभाता है इसके अंदर ब्लैक एस्फाल्टम, मुकुना प्रुरिएंस, एनासाइक्लस पाइरेथ्रम, क्लोरोफाइटम बोरिविलियनम, तालमखाना जैसे और 20 अन्य आयुर्वेदिक जड़ी बूटियाँ पाई जाती है जो धातु रोग के अलावा दूसरे प्रकार के यौन समस्याओं को दूर करने में सहायक होते हैं।
इसके इस्तेमाल से आपको निम्नलिखित फायदे और नुक्सान होते है:
पतंजलि कामसुधा योग कैप्सूल के फायदे
- धात की समस्या को दूर करता है।
- यदि सेक्स के दौरान आपको थकान महसूस होती है तो आप इसका प्रयोग कर सकते हैं।
- पुरुषों में नपुंसकता की समस्या को दूर करता है।
- आमतौर में शीघ्रपतन की समस्या पुरुषों में अधिक देखे जा रही है उसे दूर करने के लिए आप पतंजलि काम सुधा योग कैप्सूल इस्तेमाल कर सकते हैं।
- लिंग में शिथिलता की समस्या को दूर करता है।
- लिंग में यदि सिकुडन की बीमारी है तो उसे दूर करने में सहायक है।
- वीर्य विकार को ठीक करता है।
पतंजलि कामसुधा योग कैप्सूल के नुकसान
पतंजलि कामसुधा योग कैप्सूल के कोई नुकसान नहीं होते हैं क्योंकि एक आयुर्वेदिक दवाई है परंतु इसका सेवन सीमित मात्रा में करें नहीं तो आपको साइड इफेक्ट का सामना करना पड़ेगा और मेडिसिन लेने से पहले आप चिकित्सक से एडवाइस जरूर ले।
पतंजलि कामसुधा योग कैप्सूल लेने का तरीका
प्रत्येक दिन आप एक या दो कैप्सूल दूध या पानी के साथ ले सकते हैं। इस मेडिसिन को लेने से पहले आप चिकित्सक से सलाह जरूर ले और आप जब इसे खरीद कर बाजार चलाएंगे तो पैकेजिंग पर इस्तेमाल करने के बारे में भी जानकारी होती है उसे ध्यान से पढ़ लीजिएगा।
3. पतंजलि दिव्य यौवन चूर्ण – पुराने धातु रोग की दवा
धातु रोग के निवारण में पतंजलि दिव्य यौवन चूर्ण महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है इसके अंदर अश्वगंधा, सफ़ेद बहमन एवं वंग भस्म जैसे सामग्री पाई जाती है जो धातु रोग को ठीक करने में सहायक होते हैं।
इसके अलावा पुरुषों में जो भी यौन समस्या होती है उसके निवारण में भी पतंजलि दिव्या यौवन चूर्ण मेडिसिन उपयोग किया जाता हैं। हालांकि इसके उपयोग से कई प्रकार के नुकसान और लाभ भी होते हैं जिसका विवरण हम नीचे दे रहे हैं
पतंजलि दिव्य यौवन चूर्ण के अंदर पाए जाने वाले मुख्य सामग्री क्या है
पतंजलि दिव्य यौवन चूर्ण के अंदर निम्नलिखित प्रकार के मुख्य सामग्री पाई जाती है जिसका विवरण हम नीचे दे रहे हैं-
- सलाम पंजा
- सलाम मिश्री
- मिश्री
- सफेद मूसली
- क्षीरकाकोली
- अश्वगंधा
- गोंद कतीरा
- पलाश
- बहमन
- सफेद
- जहरमोहरा भस्म
- लोहबान
- बबूल गोंद
- ग्लूकोज, बूरा
पतंजलि दिव्य यौवन चूर्ण के फायदे
- इसका उपयोग शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता में सुधार करके ओलिगोस्पर्मिया सिंड्रोम या विकार के इलाज के लिए किया जा सकता है क्योंकि यह शरीर में टेस्टोस्टेरोन के स्राव को बढ़ाता है जो प्रजनन प्रक्रिया और यौन शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है।
- यह प्रजनन कार्य और मस्तिष्क कोशिकाओं को उत्तेजित करने में मदद करता है, जिससे स्वाभाविक रूप से प्रजनन की संभावना बढ़ जाती है।
- कामेच्छा में सुधार करता है और नसों को मजबूत करता हैं।
पतंजलि दिव्य यौवन चूर्ण के नुकसान
पतंजलि दिव्य यौवन चूर्ण इस्तेमाल करने के कोई भी नुकसान नहीं होते हैं परंतु जैसा कि आप जानते हैं कि कोई भी चीज यदि आप अधिक मात्रा में सेवन करेंगे तो उसके साइड इफेक्ट का सामना आपको करना पड़ेगा इसलिए इसका इस्तेमाल करने से पहले आप किसी भी चिकित्सक से एडवाइस ले ले उसके बाद इसका इस्तेमाल करें।
पतंजलि दिव्य यौवन चूर्ण लेने का तरीका
आधा से एक चम्मच, दिन में दो बार, सुबह और शाम के समय से दूध के साथ लें। डॉक्टर द्वारा निर्देशित तरीका के अनुसार इसका सेवन करना चाहिए इसके अलावा जिनको मधुमेह और अधिक वजन है उनको इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
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4. पतंजलि मकरध्वज – पुराने धातु रोग की दवा
पतंजलि मकरध्वज धातु रोग बीमारी ठीक करने के लिए उपयोग में लाया जाता है इसके अंदर जायफल काली मिर्च ‘एलोवेरा जैसी सामग्री पाई जाती हैं। जो पुरुषों में होने वाले एवं समस्या को दूर करने में अहम भूमिका निभाती है ऐसे में हम आपको बता दें कि पतंजलि मकरध्वज औषधि के नुकसान और लाभ दोनों हैं जिसका विवरण हम नीचे दे रहे हैं-
पतंजलि मकरध्वज के फायदे
- शुक्राणु विकार की समस्या को दूर करता है।
- पुराने धातु रोग की समस्या दूर कर सकता है।
- फिजिकल कमजोरी को दूर करता है।
- पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन लेवल को बढ़ाता है जिसे यौन स्वास्थ्य में सुधार आता है।
पतंजलि मकरध्वज के के नुकसान
इसके इस्तेमाल से कोई प्रकार का साइड इफेक्ट नहीं होता है हालांकि इसका प्रयोग जब भी आप करेंगे तो किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
पतंजलि मकरध्वज लेने का तरीका
गोली दिन में दो बार शहद के साथ 1 कप गर्म दूध के साथ या चिकित्सक द्वारा बताए अनुसार लें।
5. Patanjali Swet Mushli Churna – पुराने धातु रोग की दवा
पुरुषों में आज के समय धातु रोग की समस्या काफी आमतौर पर देखी जा रही है ऐसे में इस बीमारी को अगर ठीक करना है तो आप Patanjali Swet Mushli Churna का उपयोग कर सकते हैं।
Patanjali Swet Mushli Churna के अंदर कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम आदि अधिक मात्रा में पाए जाते हैं जो पुरुषों के यौन समस्या को दूर करने के साथ साथ फिजिकल कमजोरी को भी दूर करने में सहायक होते हैं हालांकि इसके इस्तेमाल से कई प्रकार के नुकसान और लाभ भी होते हैं जिसका विवरण हम नीचे दे रहे हैं।
सफेद मूसली के फायदे
सफेद मूसली उपयोग करने के निम्नलिखित प्रकार के फायदे होते हैं। जिसका विवरण हम आपको नीचे दे रहे हैं आईए जानते हैं-
- शुकाणु दोष की की समस्या को दूर करता हैं।
- सफेद मूसली के जड़ों में कार्बोहाइड्रेट प्रोटीन फाइबर कैल्शियम जैसे आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं जो पुरुषों की यौन दुर्बलता को कम करने में सहायक।
- कामेच्छा भावना को बढ़ाता है।
- पुरुषों के दूसरे प्रकार यौन समस्या को दूर करता है।
सफेद मूसली के नुकसान
सफेद मूसली एक शक्ति वर्धक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है इसके इस्तेमाल से आपको किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होगा परंतु यदि आप इसका इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको चिकित्सक से सलाह जरूर लेनी चाहिए ताकि आप इसका इस्तेमाल कैसे करेंगे उसके बारे में जानकारी आपको मिल सके।
सफेद मूसली खुराक लेने का तरीका
प्रत्येक दिन आप 2 से 4 ग्राम सफेद मूसली का उपयोग कर सकते हैं। एक बात का ध्यान रखेगी कि इसका इस्तेमाल यदि आप कर रहे हैं तो आप चिकित्सक से परामर्श जरूर ले।
6. पतंजलि शतावर चूर्ण – पुराने धातु रोग की दवा
यदि आपको भी धातु रोग की समस्या है तो आप पतंजलि शतावर चूर्ण इस्तेमाल कर सकते हैं जो धातु रोग को दूर करने में सहायक है इसके अंदर शतावरी जैसा आप पोषक तत्व पाया जाता हैं। जो पुरुषों की यौन दुर्बलता को दूर करने में सहायक है हालांकि इसके उपयोग से कई प्रकार के नुकसान और लाभ भी होते हैं इसके बारे में नीचे हम चर्चा करेंगे-
पतंजलि शतावर चूर्ण के फायदे
- पुरुषों की सेक्स स्टैमिना को बढ़ाने में सहायक हैं।
- स्पर्म क्वालिटी में सुधार लाने में पतंजलि शतावर काफी उपयोगी हैं।
- यौन परफॉर्मेंस को बढ़ाता हैं।
पतंजलि शतावर चूर्ण के नुकसान
पतंजलि शतावर के उपयोग से किसी प्रकार का साइड इफेक्ट नहीं होता है परंतु आप अगर इसका इस्तेमाल कर रहे हैं तो आप डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
पतंजलि शतावर खुराक लेने का तरीका
पतंजलि शतावर चूर्ण का स्वाद काफी कड़वा होता है इसलिए आप इसे दूध के साथ सेवन कर सकते हैं हालांकि हम आपको बता दें कि दो चम्मच चूर्ण को दूध में मिलाकर आप इसे पी सकते हैं एक बात का ध्यान रखिएगा कि यदि आप कोई विशेष बीमारी को ठीक करने के लिए इसका प्रयोग कर रहे हैं तो आप आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
7. पतंजलि शिलाजीत कैप्सूल – पुराने धातु रोग की दवा
पतंजलि शिलाजीत कैप्सूल धातु रोग बीमारी के निवारण में इस्तेमाल किया जाता है इसके अंदर शिलाजीत आंवला रसायन जैसे आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं जो पुरुष यौन समस्याओं को दूर करने में सहायक होते हैं इसके इस्तेमाल से कई प्रकार के नुकसान और लाभ भी होते हैं जिसकी चर्चा हम नीचे करेंगे-
पतंजलि शिलाजीत कैप्सूल के लाभ
- संभोग के दौरान कमजोरी महसूस करते हैं या इरेक्टाइल डिसफंक्शन जैसी समस्या का सामना कर रहे हैं तो आप पतंजलि शिलाजीत कैप्सूल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन लेवल को बढ़ाता है।
- पुरुषों की प्रजनन क्षमता में सुधार लाता है।
- स्पर्म की कमी और क्वालिटी दोनों में सुधार लाता है।
पतंजलि शिलाजीत कैप्सूल के नुकसान
यदि आप पतंजलि शिलाजीत कैप्सूल का इस्तेमाल कर रहे हैं तो उसके कोई भी नुकसान का सामना आपको नहीं करना पड़ेगा।
हालांकि हम आपको बता दे की कोई भी आयुर्वेदिक दवाई इसका इस्तेमाल यदि आप चिकित्सक के द्वारा बताए इस्तेमाल करने की प्रक्रिया के अनुरूप कर रहे हैं तो आपको साइड इफेक्ट का सामान्य करना पड़ेगा इसलिए आप इसका प्रयोग करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सा से सलाह जरूर ले।
पतंजलि शिलाजीत कैप्सूल खुराक लेने का तरीका
पतंजलि शिलाजीत कैप्सूल आप रात के समय सोने से पहले एक गिलास गुनगुने दूध के साथ ले सकते हैं एक बात का ध्यान रखिएगा कि एक दिन में केवल एक ही कैप्सूल का इस्तेमाल करें।
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धातु रोग कौन सी विटामिन की कमी से होता है?
धातु रोग विटामिन बी की कमी से होता है खास तौर पर विटामिन बी 12 की कमी से.
धातु रोग को जड़ से खत्म करने के लिए क्या करें?
धातु रोग को जड़ से खत्म करने के लिए अंग्रेजी या आयुर्वेदिक जिस भी दवाई का सेवन करे उस दवाई के कौर्स को पूरा करें.
निष्कर्ष
इस आर्टिकल में हमने पुराने धातु रोग की दवा पतंजलि द्वारा निर्मित टोटल टॉप 7 दवाइयों के बारे में बात की है। इस आर्टिकल को पढ़ कर आप समझ पाएंगे की पतंजलि आयुर्वेद में पुरुष के धात की समस्या के लिए क्या क्या दवाइयां उपलब्ध है एवं उस दवाई से होने वाले फायदे एवं नुक्सान क्या है। यहाँ तक आर्टिकल पढने के लिए आपका धन्यवाद।