इस आर्टिकल में ब्राउनटॉप मिलेट क्या है (Browntop Millet in Hindi Name), ब्राउनटॉप मिलेट का उपयोग, (Browntop Millet in Hindi Uses), इसके फायदे और नुकसान एवं इसके Nutritional value के बारे में बताया गया है।
ब्राउनटॉप मिलेट, जिसे हिंदी में ब्राउनटॉप बाजरा कहा जाता है, एक अत्यधिक पौष्टिक अनाज है। इसका वनस्पतिक नाम Brachiaria ramosa है। यह देखने में हरा खरपतवार की तरह दिखाई पड़ता है। अन्य बाजरा के समान ही ब्राउनटॉप बाजरा (छोटी कंगनी) कम पानी वाले और शुष्क इलाक़े में उगाई जाती है।
पकने पर ब्राउनटॉप मिलेट के छोटे, भूरे रंग के दाने होते हैं, जो पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। इसमें प्रोटीन, फाइबर, आयरन, मैग्नीशियम और कई अन्य विटामिन्स और मिनरल्स पाए जाते हैं।
ब्राउनटॉप बाजरा ग्लूटेन-फ्री होता है, जिससे यह ग्लूटेन एलर्जी वाले लोगों के लिए एक सुरक्षित विकल्प है। इसका सेवन पाचन में सुधार, वजन नियंत्रण, और हृदय रोगों के जोखिम को कम करने में सहायक माना जाता है। भारत में कई प्रकार के खाद्य व्यंजनों में इसका उपयोग किया जाता है।
ब्राउनटॉप मिलेट क्या है | What is Browntop Millet In Hindi
ब्राउनटॉप मिलेट का इतिहास बहुत पुराना रहा है, यह एक सामान्य सकारात्मक अनाज (Positive Grain) है जिसे आम तौर पर भारत के दक्षिण में पहले उगाया जाता था, हाँलांकि अभी के समय में मुख्य अनाज दाल, चावल, गेहूं, मक्काई की प्रमुखता अधिक है इसलिए लोग मिलेट्स के बारे में अक्सर कम ही जानते है।
कुछ लोग इसे खरपतवार भी समझ लेते है। लेकिन यह फसल मवेशी के चारा के लिए बहुत अच्छा होता है और इसका अनाज मानव के लिए भी पोषण से भरपूर होता है।
वार्तमान में यह भारत के कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, और तमिलनाडु के साथ-साथ अन्य देश जैसे बांग्लादेश, भूटान, कंबोडिया, मलावी, म्यांमार, नेपाल, साउथ अफ्रीका, यमन, जिंबाब्वे और संयुक्त राज्य जैसे कई देशों में की जाती है। जहाँ जहाँ शुष्क स्थान है वहाँ इस अनाज को उगाया जा सकता है।
हर प्रकार का मिलेट सूखे स्थान पर आसान से उग जाया करता है उसी प्रकार यह Browntop Millet भी है जो सूखे और कम उपजाऊ भूमि में भी उग जाता है। यह कम पानी में भी अच्छी उपज दे सकता था।
समय के साथ अन्य अनाजों की लोकप्रियता के कारण इसकी खेती कम हो गई, लेकिन हाल के वर्षों में इसके उच्च पोषण मूल्य और पर्यावरणीय लाभों को पहचानते हुए इसे फिर से अपनाया जा रहा है। अब भारत के कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, और तमिलनाडु में इसकी खेती बढ़ रही है।
ब्राउनटॉप मिलेट का वैज्ञानिक एवं विभिन्न भाषाओं में नाम | Bown Top Millet in Hindi Name & Scientific Name
ब्राउनटॉप मिलेट का वैज्ञानिक नाम Panicum ramosum है। यह एक महत्वपूर्ण मिलेट फसल है जो विभिन्न जलवायु परिस्थितियों में उगाई जा सकती है। यहाँ पर इसे विभिन्न भाषाओं में इसके नाम दिए गए हैं:
ब्राउनटॉप मिलेट का वैज्ञानिक नाम:
- वैज्ञानिक नाम: Panicum ramosum
विभिन्न भाषाओं में नाम:
- हिंदी: ब्राउनटॉप मिलेट
- अंग्रेज़ी: Brown Top Millet
- संस्कृत: क्षुद्रं (Kshudra)
- तमिल: குச்சிப்பொதி (Kuchchipothi)
- तेलुगु: బంగాళాదుంకుడు (Bangala Dungudu)
- कन्नड़: ಬಂಡೆ ನುಗೆ (Bande Nuge)
- मराठी: ब्राउनटॉप मिलेट
- बंगाली: ব্রাউনটপ মিলেট (Brown Top Millet)
- उर्दू: براؤن ٹاپ میلیٹ (Brown Top Millet)
- गुजराती: બ્રાઉન ટોપ મીલેટ (Brown Top Millet)
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छोटी कंगनी खाने के फायदे और नुकसान | Browntop Millet Benefits & Side Effects in Hindi
छोटी कंगनी (Panicum sumatrense) एक पौष्टिक अनाज है, जो स्वास्थ्य के लिए कई फायदे प्रदान करती है। यह प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन और फास्फोरस जैसे आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होती है, जिससे यह पाचन स्वास्थ्य में सुधार, वजन प्रबंधन और मधुमेह के मरीजों के लिए लाभकारी होती है।
इसकी उच्च फाइबर सामग्री कब्ज की समस्या को दूर करने में मदद करती है, जबकि कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक है। इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण हृदय स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाते हैं।
हालांकि, छोटी कंगनी के कुछ नुकसान भी हैं। इसमें थायरोइड अवरोधक गुण हो सकते हैं, जो थायरॉइड ग्रंथि की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकते हैं।
कुछ लोगों को इसे खाने के बाद गैस और ब्लोटिंग की समस्या हो सकती है। इसके अलावा, यदि कोई इसे अत्यधिक मात्रा में खाता है या केवल इसी पर निर्भर करता है, तो इससे पोषण संतुलन बिगड़ सकता है। इसलिए, छोटी कंगनी को संतुलित आहार का हिस्सा बनाना चाहिए और अपने स्वास्थ्य की स्थिति के अनुसार इसका सेवन करना चाहिए। इसके फायदे और नुकसान क्या होते हैं उसके बारे में हम आपको नीचे जानकारी दे रहे हैं-
छोटी कंगनी के फायदे:
- अतिरिक्त पोषण प्रदान करे: छोटी कंगनी प्रोटीन, फाइबर, और आवश्यक विटामिन्स तथा खनिजों (जैसे आयरन, कैल्शियम) से भरपूर होती है।
- डायबिटीज के रोगियों के लिए फायदेमंद: इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती है।
- पाचन स्वास्थ्य बेहतर करे: उच्च फाइबर सामग्री कब्ज को दूर करने और पाचन क्रिया को सुधारने में सहायक है।
- वजन प्रबंधन: कम कैलोरी के कारण, यह वजन कम करने में मदद करती है और लंबे समय तक तृप्ति का अहसास कराती है।
- एंटीऑक्सीडेंट गुण से भरपूर: छोटी कंगनी में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर को मुक्त कणों से लड़ने में मदद करते हैं और संक्रामक बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करते हैं।
- हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद: यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में सहायक होती है, जिससे हृदय रोग का खतरा घटता है।
- सूजन कम करना: इसमें सूजन-रोधी गुण होते हैं, जो शरीर में सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
- ग्लूटेन-फ्री होता है: छोटी कंगनी ग्लूटेन-फ्री होती है, जो इसे उन लोगों के लिए उपयुक्त बनाती है जो ग्लूटेन से संवेदनशील हैं।
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गर्भावस्था के दौरान ब्राउन टॉप मिलेट के फायदे | Brown Top Millet During Pregnancy
गर्भावस्था के दौरान ब्राउन टॉप मिलेट (Brown Top Millet) का सेवन कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है, जो गर्भवती महिलाओं और उनके विकासशील बच्चे के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। यह अनाज उच्च पोषण मूल्य से भरपूर होता है, जिसमें प्रोटीन, फाइबर, और आवश्यक विटामिन्स जैसे बी-विटामिन और खनिज जैसे आयरन और कैल्शियम शामिल हैं।
इसके कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स के कारण, यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे गर्भवती महिलाओं को गर्भकालीन मधुमेह से बचने में सहायता मिलती है। इसके अलावा, इसकी उच्च फाइबर सामग्री कब्ज जैसी सामान्य समस्या को दूर करने में मदद करती है, जो गर्भावस्था में अक्सर होती है।
ब्राउन टॉप मिलेट ऊर्जा का एक अच्छा स्रोत है, जो गर्भवती महिलाओं को थकान से लड़ने में मदद करती है और वजन प्रबंधन में भी सहायक होती है। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करती है, जिससे हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिलती है। इस प्रकार, गर्भावस्था के दौरान ब्राउन टॉप मिलेट का सेवन एक संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर आहार का हिस्सा बनाता है, जो माँ और बच्चे दोनों के लिए लाभदायक है।
मधुमय के रोगी के लिए ब्राउन टॉप मिलेट के फायदे | Brown Top Millet for Diabetes Patient in Hindi
ब्राउन टॉप मिलेट (Brown Top Millet) मधुमेह (डायबिटीज) के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, क्योंकि यह कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) कम होता है, जिससे यह रक्त शर्करा के स्तर को धीरे-धीरे बढ़ाता है, और अचानक वृद्धि से बचाता है। इसकी उच्च फाइबर सामग्री पाचन को सुधारने में मदद करती है और भूख को नियंत्रित रखती है, जिससे ओवरईटिंग से बचा जा सकता है।
इसके अलावा, ब्राउन टॉप मिलेट प्रोटीन का अच्छा स्रोत है, जो ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने और मेटाबॉलिज्म को सुधारने में मदद करता है। यह आवश्यक खनिजों जैसे मैग्नीशियम और आयरन से भरपूर होता है, जो इन्सुलिन संवेदनशीलता को बढ़ा सकते हैं। इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे हृदय स्वास्थ्य में सुधार होता है, जो मधुमेह रोगियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
अंततः, ब्राउन टॉप मिलेट का उपयोग वजन प्रबंधन में भी सहायक हो सकता है, क्योंकि यह कम कैलोरी वाला अनाज है। इन सभी लाभों के कारण, मधुमेह के रोगियों के लिए ब्राउन टॉप मिलेट एक उत्तम आहार विकल्प है,लेकिन इसे अपनी डाइट में शामिल करने से पहले स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लेना हमेशा बेहतर होता है।
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Brown Top Millet Side Effects in Hindi | छोटी कंगनी खाने के नुकसान:
- थायरोइड अवरोधक: छोटी कंगनी में प्राकृतिक थायरोइड अवरोधक होते हैं, जो थायरॉइड ग्रंथि की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकते हैं।
- गैस और ब्लोटिंग: कुछ लोगों को छोटी कंगनी खाने के बाद गैस, पेट में ऐंठन और ब्लोटिंग की समस्या हो सकती है।
- पोषण संतुलन का जोखिम: यदि कोई केवल छोटी कंगनी पर निर्भर रहता है और अन्य अनाजों का सेवन नहीं करता है, तो इससे पोषण संतुलन बिगड़ सकता है।
- अत्यधिक मात्रा में सेवन: अधिक मात्रा में खाने पर यह कब्ज, अपच, और अन्य पाचन समस्याओं का कारण बन सकती है।
- कुछ व्यक्तियों के लिए एलर्जिक प्रतिक्रियाएं: कुछ लोगों को छोटी कंगनी से एलर्जी हो सकती है, जो विभिन्न प्रतिक्रियाओं का कारण बन सकती है।
- वजन बढ़ने का खतरा: अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से कैलोरी का अधिक सेवन हो सकता है, जिससे वजन बढ़ने का खतरा हो सकता है।
इन कारणों से, छोटी कंगनी का सेवन संतुलित मात्रा में और विविधता के साथ करना बेहतर होता है।
ब्राउनटॉप मिलेट कैसे खाये
ब्राउनटॉप मिलेट (Panicum ramosum) को विभिन्न तरीकों से खाया जा सकता है। यहां कुछ सामान्य विधियाँ दी गई हैं:
1. पकाकर खाना:
- भोजन के रूप में: ब्राउनटॉप मिलेट के दाने को चावल की तरह पकाकर खा सकते हैं। इसके लिए, एक कप मिलेट को दो कप पानी में उबालें। इसे 15-20 मिनट तक पकाएं जब तक दाने नरम न हो जाएं। इसे सब्जियों या दाल के साथ परोसें।
- खिचड़ी: ब्राउनटॉप मिलेट को दाल के साथ मिलाकर खिचड़ी बना सकते हैं। इसे सब्जियाँ डालकर और मसाले मिलाकर पकाने से एक पौष्टिक भोजन
2. रोटी और पराठे:
- ब्राउनटॉप मिलेट की रोटी: इसके आटे को पानी, नमक, और कुछ तेल के साथ गूंधें। फिर छोटी लोइयां बनाकर तवे पर पकाएं। इसे सब्जियों, दही या अचार के साथ खाया जा सकता है।
- पराठे: ब्राउनटॉप मिलेट का आटा लेकर इसमें सब्जियाँ या मसाले मिलाकर पराठा बनाएं। इसे तवे पर तेल या घी में सुनहरा होने तक सेंकें।
3. सूप और सलाद:
- सूप: ब्राउनटॉप मिलेट को सब्जियों के साथ उबालकर सूप बनाया जा सकता है। इसमें मसाले और हर्ब्स मिलाकर एक स्वास्थ्यवर्धक सूप तैयार करें।
- सलाद: पकी हुई ब्राउनटॉप मिलेट को सलाद में डालकर हरी सब्जियों और नींबू के रस के साथ मिलाएं। यह एक ताजा और पौष्टिक नाश्ता बनता है।
4. दाल और सब्जियों के साथ:
- ब्राउनटॉप मिलेट को दालों और सब्जियों के साथ मिलाकर पकाएं। यह एक संतुलित और पौष्टिक भोजन बनाता है।
5. दही और फल के साथ:
- पकाए हुए ब्राउनटॉप मिलेट को दही और ताजे फलों के साथ मिलाकर नाश्ते के लिए खा सकते हैं। यह एक स्वस्थ और ताजगी देने वाला विकल्प है।
इन तरीकों से ब्राउनटॉप मिलेट को अपनी डाइट में शामिल करके आप न केवल इसके स्वास्थ्य लाभ ले सकते हैं, बल्कि इसे विभिन्न स्वादिष्ट व्यंजनों में भी शामिल कर सकते हैं।
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ब्राउनटॉप मिलेट के उपयोग | Brown Top Millet Uses in Hindi
ब्राउनटॉप मिलेट (Panicum ramosum) के उपयोग विविधता और पोषण से भरपूर होते हैं, जो इसे एक महत्वपूर्ण कृषि उत्पाद बनाते हैं। सबसे पहले, खाद्य व्यंजन बनाने में उपयोग किया जात है। इसे चावल या अन्य अनाज के साथ मिलाकर भी पकाया जा सकता है, जिससे पोषण में वृद्धि होती है। इसकी उच्च प्रोटीन, फाइबर, और विभिन्न विटामिनों और खनिजों की मात्रा इसे एक संतुलित आहार का हिस्सा बनाती है।
दूसरे, ब्राउनटॉप मिलेट का उपयोग चारे के रूप में भी किया जाता है। इसकी पत्तियाँ और डंठल उच्च गुणवत्ता वाले चारे का स्रोत होते हैं, जो गाय, भेड़, और बकरियों के लिए फायदेमंद होते हैं। इससे पशुपालन में उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिलती है।
तीसरे, यह फसल सूखे और कम उपजाऊ मिट्टी में अच्छी तरह उगती है, जिससे इसे शुष्क क्षेत्रों में उगाने के लिए आदर्श मान जाता है।
- ब्राउनटॉप मिलेट को विभिन्न प्रकार के व्यंजन जैसे रोटी, उपमा, खिचड़ी, और दलिया में उपयोग किया जाता है।
- इसे चावल या अन्य अनाज के साथ मिलाकर भी पकाया जा सकता है, जिससे पोषण में वृद्धि होती है।
- इसमें उच्च प्रोटीन, फाइबर, और विभिन्न विटामिनों और खनिजों की मात्रा होती है, जो इसे संतुलित आहार का हिस्सा बनाते हैं।
- चारे के रूप में ब्राउनटॉप मिलेट की पत्तियाँ और डंठल उच्च गुणवत्ता वाले चारे का स्रोत होते हैं, जो गाय, भेड़, और बकरियों के लिए फायदेमंद होते हैं।
- यह सूखे और कम उपजाऊ मिट्टी में अच्छी तरह उगती है, जिससे इसे शुष्क क्षेत्रों के लिए आदर्श फसल माना जाता है।
- भिगोकर रखने से इसकी टेक्सचर मुलायम होती है और पाचन शक्ति बढ़ती है।
- भिगोने से इसमें मौजूद एंजाइम अधिक सक्रिय होते हैं, जिससे पोषक तत्व जल्दी अवशोषित होते हैं।
छोटी कंगनी की पोषण मूल्य की जानकारी | Brown Top Millet Nutritional Value Per 100g
यहां ब्राउनटॉप मिलेट के प्रति 100 ग्राम के पौष्टिक मूल्य की एक तालिका है
पोषक तत्व | मात्रा प्रति 100 ग्राम |
---|---|
कैलोरी | 378 किलोकैलोरी |
प्रोटीन | 11.6 ग्राम |
वसा (फैट) | 4.3 ग्राम |
कार्बोहाइड्रेट | 72.8 ग्राम |
फाइबर | 8.3 ग्राम |
Vitamins Value Per 100g in Browntop Millet In Hindi
विटामिन | मात्रा प्रति 100 ग्राम |
---|---|
विटामिन सी | 0 मि.ग्रा |
विटामिन ए | 16 मि.ग्रा |
विटामिन बी6 | 0.3 मि.ग्रा |
विटामिन बी12 | 0 मि.ग्रा |
Minirals Value Per 100g in Browntop Millet In Hindi
खनिज | मात्रा प्रति 100 ग्राम |
---|---|
आयरन | 3.2 मि.ग्रा |
कैल्शियम | 17 मि.ग्रा |
मैग्नीशियम | 114 मि.ग्रा |
फॉस्फोरस | 285 मि.ग्रा |
पोटैशियम | 195 मि.ग्रा |
जिंक | 2.3 मि.ग्रा |
कॉपर | 0.4 मि.ग्रा |
मैंगनीज | 1.5 मि.ग्रा |
ब्राउनटॉप बाजरा से सम्बंधित पूछे जाने वाले सवाल
छोटी कंगनी क्या है?
छोटी कंगनी एक प्रकार का अनाज है, जिसे वैज्ञानिक रूप से Panicum ramosum के नाम से जाना जाता है। यह प्राचीन अनाजों में से एक है और इसके स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रसिद्ध है।
छोटी कंगनी के स्वास्थ्य लाभ क्या हैं?
छोटी कंगनी उच्च पोषण मूल्य प्रदान करती है, जिसमें प्रोटीन, फाइबर, आयरन, और कैल्शियम शामिल हैं। यह मधुमेह के प्रबंधन, पाचन स्वास्थ्य में सुधार, और वजन नियंत्रण में मदद करती है।
छोटी कंगनी कैसे खाई जाती है?
इसे चावल के रूप में पकाकर, रोटी या पराठे के रूप में, खिचड़ी में, या सलाद में मिलाकर खाया जा सकता है।
क्या छोटी कंगनी वजन घटाने में मदद करती है?
हां, छोटी कंगनी कम कैलोरी वाले अनाज के रूप में जानी जाती है और इसकी उच्च फाइबर सामग्री तृप्ति का अहसास देती है, जिससे ओवरईटिंग से बचा जा सकता है।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल में हमने ब्राउनटॉप बाजरा जिसे छोटी कंगनी भी कहते है उसके Browntop Millet in Hindi Name, Browntop Millet in Hindi Use और Browntop Millet Benefits & Side Effects in Hindi इस विषय पर बात की है आशा है आपको इस आर्टिकल से आपके जरूरत की जानकारी मिली होगी। आर्टिकल पूरा पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।