9 Types of Millets in Hindi: जानिए Best Positive Millets in Hindi और Unpolished Millets in Hindi With Pictures | मिलेट्स क्या है तथा इसके प्रकार

इस आर्टिकल में जानिए 9 Types of Millets in Hindi के बारे में जिसमे हम जानेंगे Positive Millets in Hindi और Unpolished Millets in Hindi With Pictures और पॉजिटिव मिलेट्स क्या है तथा इसके प्रकार।

मिलेट्स, जिन्हें हिंदी में मोटा अनाज या “श्री अन्न” कहा जाता है इसका एक सामान्य नाम बाजरा भी है, एक प्रकार का प्राचीन अनाज हैं जिन्हें हजारों सालों से उगाया जा रहा है। यह अनाज छोटे आकार के, गोलाकार और कठिन जलवायु में उगने वाले होते हैं। मिलेट्स कम पानी में भी अच्छी उपज देते हैं और पर्यावरण के लिए अनुकूल होते हैं। 

इनमें पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होती है जैसे प्रोटीन, फाइबर, विटामिन, और मिनरल्स, जिनमें खासतौर पर कैल्शियम, मैग्नीशियम और आयरन शामिल हैं। मिलेट्स को सेहत के लिए बहुत लाभदायक माना जाता है क्योंकि ये पाचन को बेहतर बनाते हैं और शुगर के स्तर को नियंत्रित रखते हैं।यह भारत, नाइजीरिया और अन्य एशियाई और अफ्रीकी देशों जैसे देशों में उगाया जाता है।

मिलेट्स के कई प्रकार होते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख मिलेट्स हैं – रागी, ज्वार, बाजरा, कोदो, सामा और कंगनी रागी (फिंगर मिलेट) में कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करती है। 

ज्वार (सोरघम) में प्रोटीन, फाइबर और आयरन की मात्रा भरपूर होती है और यह ग्लूटेन-फ्री होता है, जिससे यह पाचन के लिए बेहतर है। बाजरा (पर्ल मिलेट) फाइबर और मिनरल्स से भरपूर होता है और इसे खिचड़ी, रोटी और दलिया के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। 

कोदो मिलेट में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जिससे यह मधुमेह रोगियों के लिए उपयुक्त है। सामा मिलेट (लिटिल मिलेट) हल्का और सुपाच्य होता है और उपवास के दौरान भी सेवन किया जाता है

मिलेट्स जिसको सबूत अनाज अथवा मोटा अनाज भी कहते है इसकी खेती भारत में सरकार द्वारा सराही जाति है। अधिकतर राज्य सरकारें किसानों को मोटे अनाज उगाने के लिए प्रेरित कर रही हैं और साथ ही लोगों को थाली तक इसे पहुंचाने के लिए भी प्रेरित कर रही है।

मिलेट्स स्वास्थ्य के लिए सामान्य अनाजों से कई गुना पोशाक तत्वों से भरपूर और स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते है इसलिए सरकार खासतौर पर शहरों में जहां गेहूं और चावल की प्रचलनता ज्यादा होती है वहाँ मिलेट्स का प्रचार करने पर जोड़ दे रही है।

पॉजिटिव मिलेट क्या है | What is Positive Millet in hindi ?

पॉजिटिव मिलेट्स वे मिलेट्स होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक लाभकारी और पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। इन मिलेट्स को “पॉजिटिव” इसलिए कहा जाता है क्योंकि इनमें उच्च मात्रा में फाइबर, प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स होते हैं, जो शरीर को संपूर्ण पोषण प्रदान करते हैं। ये मिलेट्स न केवल पाचन को बेहतर बनाते हैं बल्कि हृदय स्वास्थ्य को भी मजबूत करते हैं और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं।

पॉजिटिव मिलेट्स में प्रमुख रूप से रागी (फिंगर मिलेट), ज्वार (सोरघम), बाजरा (पर्ल मिलेट), कोदो, सामा (लिटिल मिलेट), कंगनी (फॉक्सटेल मिलेट), और बरनी शामिल हैं। इन अनाजों का सेवन करने से शरीर को कई तरह के पोषक तत्व मिलते हैं, जैसे कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, और बी-विटामिन, जो हड्डियों को मजबूत बनाने, एनर्जी लेवल को बनाए रखने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं। इन मिलेट्स को “सिरिधन्य” भी कहा जाता है क्योंकि वे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं।

पॉजिटिव मिलेट्स का उपयोग दैनिक आहार में करना स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो मधुमेह, उच्च रक्तचाप, या मोटापे जैसी समस्याओं से पीड़ित हैं। इन मिलेट्स का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करते हैं और वजन को नियंत्रित रखने में भी सहायक होते हैं।

9 विभिन्न प्रकार के मिलेटस | Different Types of Millets in Hindi

List of millets in hindi – यहाँ 9 Different Types of Millets के बारे में बताया गया है जिसको हिंदी में “श्री अन्न” भी कहते है और इसका एक सामान्य नाम बाजरा भी है

  1. पुनर्वा बाजरा (proso millet)
  2. ज्वार (Sorghum)
  3. समा या संवा बाजरा (barnyard millet)
  4. कोदो बाजरा (kodo millet)
  5. बाजरा (pearl millet)
  6. रागी (Finger Millet)
  7. कंगनी बाजरा (foxtail millet)
  8. कुटकी बाजरा (Little millet)
  9. छोटी कंगनी / हरी कंगनी बाजरा (browntop millet)

1. पुनर्वा बाजरा (proso millet) 

पुनर्वा बाजरा, जिसे अंग्रेजी में “प्रोसो मिलेट” (Proso Millet) कहा जाता है, एक प्रकार का मोटा अनाज है जो प्राचीन काल से उगाया जा रहा है। इसे हिंदी में कभी-कभी “चिना” भी कहा जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम “Panicum miliaceum” है।पुनर्वा बाजरा के दाने छोटे होते हैं और सफ़ेद रंग के होते हैं।

प्रोसो मिलेट का सेवन शरीर के लिए कई प्रकार से फायदेमंद होता है। इसमें कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जिससे यह मधुमेह रोगियों के लिए उपयुक्त है। इसमें विटामिन बी, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, और एंटीऑक्सीडेंट्स की अच्छी मात्रा होती है, जो शरीर में ऊर्जा प्रदान करने, पाचन तंत्र को ठीक रखने और हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।

2. ज्वार (Sorghum)

ज्वार, जिसे अंग्रेजी में “सोरघम” (Sorghum) कहा जाता है, एक प्रमुख मोटा अनाज है जो विश्वभर में उगाया और खाया जाता है। ज्वार एक खरीफ फसल है और इसके कई प्रकार के होते है, इसकी अधिकतर प्रजाति के अनाज का उपयोग मुखतः पशुओं का चारा बनाने के लिए किया जाता है।

ज्वार का उत्पादन मुख्य रूप से भारत, अफ्रीका और अमेरिका जैसे देशों में होता है। यह अनाज सूखे और कठिन जलवायु में भी आसानी से उग सकता है, इसलिए इसे उन क्षेत्रों में भी उगाया जाता है जहां पानी की कमी होती है।

ज्वार में पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होती है। इसमें प्रोटीन, फाइबर, आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम और विटामिन बी जैसे कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं।

3. समा या संवा बाजरा (barnyard millet)

सांवा या सनवा बाजरा, जिसे अंग्रेजी में “बार्नयार्ड मिलेट” (Barnyard Millet) कहा जाता है। वैसे तो समा बाजरा की खेती की सुरुवात कई सौ वर्ष पूर्व चाइना में हुई थी लेकिन वर्तमान में यह भारत के उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु राज्य में भी उगाया जाता है।इसके अलावा यह एशिया के अन्य हिस्सों में उगाया जाता है।

Barnyard Millet को “समा चावल” या “सांवा चावल” भी कहा जाता है और अक्सर उपवास के दौरान खाया जाता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट संतुलित मात्रा में पायी जाती है। कार्ब्स शरीर को बिना भूख लगे लंबे समय तक ऊर्जा प्रदान करते है।

समा (Barnyard Millet) के चावल या आटा में फाइबर की उच्च मात्रा होती है जो पाचन को सुधारने के लिए काफ़ी अच्छे माने जाते है। इसके सेवन से कब्ज जैसी समस्याओं में फायदा पहुंचता है।

ये भी जानें: Barnyard Millet: समा के चावल के फायदे और नुकसान, समा के चावल की तासीर ठंडी होती है या गर्म

4. कोदो बाजरा (kodo millet)

कोदो बाजरा एक बहुत अच्छा पॉजिटिव मिलेट है, जिसे अंग्रेजी में “कोदो मिलेट” (Kodo Millet) कहा जाता है। यह एक प्रकार का पोषक अनाज है क्योंकि इसमें प्रोटीन, फाइबर, आयरन, और कैल्शियम भरपूर मात्रा में होते हैं।

कोदो बाजरा का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह मधुमेह रोगियों के लिए उपयुक्त है और रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह सफेद चावल का बहुत अच्छा विकल्प है, खासकर मधुमेह के रोगियों के लिए।

कोदो बाजरा में एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं, जो रोग प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं। इसमें औषधीय गुण भी पाए जाते हैं, जो कफ और पित्त दोष को शांत करते हैं। कई हेल्दी डाइट के कोच कोदो बाजरा को ब्लड प्यूरीफायर भी कहते हैं क्योंकि इससे डायबिटीज, हार्ट डिजीज, कैंसर, और पेट संबंधी समस्याओं में अचूक लाभ मिलता है।

कोदो बाजरा (kodo millet) की खेती भारत में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे सूखे स्थान वाले क्षेत्र में की जाती है।

इसे भी जानें: Kodo Millet in Hindi: कोदो के पोषक तत्व, फायदे नुकसान और इसकी खेती की जानकारी

5. बाजरा (pearl millet)

वैसे तो सभी मिलेट्स को भारत के कई जगहों पर बाजरा ही कहा जाता है लेकिन बाजरा की एक बहुत सामान्य प्रजाति होती है जिसे बजरी या कंबू भी कहा जाता है यह भारत में बाजरा के प्रजाति में सबसे अधिक उगाया जाता है।

अंग्रेजी में “पर्ल मिलेट” (Pearl Millet) कहा जाने वाला बाजरा इस कम सिंचाई वाले जगहों पर बहुत आसानी से उगाया जा सकता है। बाजरा की खेती मुख्य रूप से भारत, अफ्रीका और कुछ एशियाई देशों में होता है, और यह गर्म और शुष्क जलवायु में भी अच्छी तरह उग सकता है। इसे साधारण और पोषक अनाज माना जाता है जो ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य भोजन का हिस्सा होता है।

बाजरा पोषण से भरपूर होता है और इसमें प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, आयरन, और जिंक जैसे महत्वपूर्ण खनिज पाए जाते हैं। बाजरा का सेवन शरीर को ऊर्जा देने और मांसपेशियों को मजबूत बनाने में उपयोगी है।

6. रागी (Finger Millet) 

रागी, जिसे अंग्रेजी में “फिंगर मिलेट” (Finger Millet) कहा जाता है इसको पोषण का पावरहाउस भी कहते है क्योंकि इसमें प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और अमीनो एसिड की भरपूर मात्रा होती है।

रागी देखने में दाने की तरह गोल, गहरे भूरे रंग का दिखाई पड़ता है। रागी का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि इसमें कैल्शियम की मात्रा सबसे अधिक होती है, जो हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने में मदद करती है। इसमें फाइबर की भी उच्च मात्रा होती है, जो पाचन को बेहतर बनाती है और वजन नियंत्रण में सहायक होती है।

ये भी जानें: रागी का दूसरा नाम : रागी के 5 फायदे और नुकसान | Ragi Kya Hota Hai | Finger Millet in Hindi

7. कंगनी बाजरा (foxtail millet)

कंगनी बाजरा, जिसे अंग्रेजी में “Foxtail Millet” कहा जाता है, वैज्ञानिक नाम Setaria italica है। इसके प्रत्येक 100 ग्राम कंगनी के अनाज में लगभग 60-70 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 12-15 ग्राम प्रोटीन होता है जो इसे ऊर्जा का उत्तम स्त्रोत बनाता है।

कंगनी बाजरा के कई फायदे होते है जिनमे से कुछ की जानकारी निम्नलिखित है:

  • पोषण से भरपूर: कंगनी में प्रोटीन, फाइबर, आयरन, और मैग्नीशियम जैसे आवश्यक पोषक तत्व होते हैं।
  • कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स: यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है, इसलिए यह मधुमेह रोगियों के लिए उपयुक्त है।
  • वजन प्रबंधन: उच्च फाइबर सामग्री इसे लंबे समय तक भूख को नियंत्रित रखने में मदद करती है, जो वजन घटाने में सहायक है।
  • पाचन स्वास्थ्य: कंगनी का सेवन पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है।
  • एंटीऑक्सीडेंट गुण: इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर को मुक्त कणों से बचाते हैं और हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं।
  • ऊर्जा का स्रोत: कंगनी शरीर को ताजगी और ऊर्जा प्रदान करती है, जिससे थकान कम होती है।
  • ग्लूटेन-फ्री: यह अनाज ग्लूटेन-फ्री होता है, इसलिए यह ग्लूटेन से एलर्जी वाले लोगों के लिए सुरक्षित है।
  • हड्डियों के लिए फायदेमंद: इसमें कैल्शियम और अन्य खनिज होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
इसे भी जानें: Foxtail Millet in Hindi | क्या है कंगनी : फायदे और नुकसान, जानिए कंगनी का उपयोग, इसकी तासीर और खेती के बारे में

8. कुटकी बाजरा (Little millet)

कुटकी बाजरा, जिसे अंग्रेजी में “Little Millet” कहा जाता है, एक छोटे आकार का अनाज है जिसका वैज्ञानिक नाम Panicum sumatrense है। यह भारत और दक्षिण एशिया के विभिन्न हिस्सों में उगाया जाता है और विशेष रूप से सूखा प्रभावित क्षेत्रों में इसकी खेती होती है। कुटकी बाजरा पोषक तत्वों से भरपूर होता है, इसमें फाइबर, प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, और विटामिन B जैसे तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। कुटकी बाजरा ग्लूटेन-फ्री होता है जो उन लोगों के लिए उपयोगी होता है जो ग्लूटेन से पीड़ित होते है।

इसका उपयोग खिचड़ी, उपमा, पुलाव, और कई अन्य पारंपरिक व्यंजनों में किया जाता है। इसके सेवन से वजन प्रबंधन, पाचन और हृदय स्वास्थ्य में भी सहायता मिलती है।

9. छोटी कंगनी / हरी कंगनी बाजरा (browntop millet)

छोटी कंगनी, जिसे हरी कंगनी या बाजरा भी कहा जाता है, अंग्रेजी में “Browntop Millet” कहलाता है। इसका वैज्ञानिक नाम Brachiaria ramosa है। यह एक कम ज्ञात लेकिन बहुत ही पोषक अनाज है, जो खासकर भारत और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में उगाया जाता है। छोटी कंगनी को उसकी उच्च पोषण क्षमता और सूखे में उगने की क्षमता के लिए जाना जाता है। इसमें प्रोटीन, फाइबर, आयरन और कैल्शियम की मात्रा अच्छी होती है, जो इसे सेहत के लिए लाभकारी बनाती है।

छोटी कंगनी की खेती करना आसान होता है क्योंकि इसे कम पानी और कम उपजाऊ मिट्टी में भी उगाया जा सकता है। यह पर्यावरण के अनुकूल होता है और किसानों के लिए एक अच्छा विकल्प है, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां पानी की कमी होती है।

[recent_posts_category]


Different Types of Unpolished Millets in Hindi With Pictures | तासीर ठंडी या गर्म

Unpolished Millet फॉक्सटेल मिलेट (कंगनी) और इसकी तासीर:

foxtail millet

फॉक्सटेल मिलेट में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, फाइबर, आयरन, और विटामिन होते हैं, जो इसे पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद और मधुमेह रोगियों के लिए उपयुक्त बनाते हैं। इसका तासीर गर्म होती है, इसलिए इसे ठंडे मौसम में अधिक उपयोग किया जाता है। फॉक्सटेल मिलेट को दलिया, खिचड़ी, और रोटियों में उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, इसे पके हुए चावल की तरह भी खाया जाता है और यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।

Unpolished Millet बर्नयार्ड मिलेट (सांवा) और इसकी तासीर:

barnyard millet

बर्नयार्ड मिलेट में फाइबर और आयरन की उच्च मात्रा होती है, जो शरीर में रक्त शुद्धि और पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है। इसका तासीर ठंडी होती है, इसलिए इसे गर्मियों में उपयोग करना अधिक लाभदायक होता है। यह ग्लूटेन-फ्री होता है, इसलिए इसे उपवास में या विशेष आहार में खिचड़ी और सांवा चावल के रूप में उपयोग किया जाता है। यह वजन घटाने और रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में भी मदद करता है।

Unpolished Millet कोदो मिलेट और इसकी तासीर:

kodo millet

कोदो मिलेट में प्रचुर मात्रा में फाइबर, आयरन, और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो मधुमेह और दिल की बीमारियों के लिए फायदेमंद होते हैं। इसका तासीर ठंडी होती है, जो पित्त दोष को शांत करने में मदद करती है। इसे मुख्य रूप से चावल के विकल्प के रूप में, खिचड़ी या पुलाव में इस्तेमाल किया जाता है। इसके औषधीय गुण कफ और पाचन संबंधी समस्याओं में भी सहायक होते हैं।

Unpolished Millet लिटिल मिलेट (कुटकी) और इसकी तासीर:

लिटिल मिलेट फाइबर, प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, जो पाचन तंत्र को सुधारता है और वजन घटाने में सहायक है। इसका तासीर ठंडी होती है, जिससे यह गर्मियों में सेवन के लिए उपयुक्त होता है। इसे खिचड़ी, दलिया और रोटी बनाने में उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, यह मधुमेह रोगियों के लिए भी फायदेमंद है क्योंकि इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है।

Unpolished Millet ब्राउन टॉप मिलेट (मुरात) और इसकी तासीर:

ब्राउन टॉप मिलेट में फाइबर, आयरन और खनिजों की प्रचुर मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र और हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। इसका तासीर गर्म होती है, इसलिए यह सर्दियों में शरीर को गर्म रखने में मदद करता है। इसे रोटी, डोसा, और खिचड़ी में उपयोग किया जाता है। यह मिलेट शरीर में डिटॉक्सिफिकेशन प्रक्रिया में सहायक होता है और पर्यावरण के अनुकूल भी है।


अन्य अनाजों के साथ बाजरा की तुलना | Comparison between different types of grains and different types of millets in hindi

बाजरा (Millets) कई प्रकार के अनाजों में से एक है, और इसकी पोषणीय गुणवत्ता इसे अन्य अनाजों की तुलना में खास बनाती है। यहाँ बाजरा की तुलना अन्य आम अनाजों जैसे गेहूं, चावल, और जौ से की गई है:

1. बाजरा बनाम गेहूं (Wheat)

  • फाइबर: बाजरा में फाइबर की मात्रा गेहूं से अधिक होती है, जिससे यह पाचन के लिए बेहतर होता है।
  • ग्लूटेन: गेहूं में ग्लूटेन होता है, जबकि बाजरा ग्लूटेन-फ्री होता है। इससे बाजरा उन लोगों के लिए उपयुक्त है जिन्हें ग्लूटेन से एलर्जी या संवेदनशीलता है।
  • पोषक तत्व: बाजरा में मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, और पोटैशियम जैसे खनिज पाए जाते हैं जो हड्डियों और हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं, जबकि गेहूं मुख्य रूप से कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन का स्रोत है।

2. बाजरा बनाम चावल (Rice)

  • फाइबर और प्रोटीन: बाजरा में चावल की तुलना में अधिक फाइबर और प्रोटीन होता है। चावल में फाइबर की कमी होती है, जबकि बाजरा का उच्च फाइबर और प्रोटीन संतुलन स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है।
  • ग्लाइसेमिक इंडेक्स: चावल, विशेष रूप से सफेद चावल, का ग्लाइसेमिक इंडेक्स अधिक होता है, जिससे यह रक्त शर्करा को तेज़ी से बढ़ा सकता है। जबकि बाजरा का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह मधुमेह रोगियों के लिए उपयुक्त होता है।
  • विटामिन और खनिज: बाजरा में आयरन और मैग्नीशियम की मात्रा अधिक होती है, जबकि चावल में इनकी कमी हो सकती है।

3.बाजरा बनाम जौ (Barley)

  • फाइबर: जौ में भी अच्छी मात्रा में फाइबर होता है, परंतु बाजरा कई प्रकार के विटामिन और खनिजों से समृद्ध होता है जो जौ से अलग और व्यापक लाभ प्रदान करते हैं।
  • पोषणीय गुण: बाजरा और जौ दोनों ही दिल के लिए अच्छे होते हैं, पर बाजरा में कैल्शियम और मैग्नीशियम की अधिक मात्रा होती है, जिससे यह हड्डियों के लिए फायदेमंद होता है।

4.बाजरा बनाम मकई (Maize)

  • प्रोटीन और फाइबर: बाजरा में मकई की तुलना में अधिक प्रोटीन और फाइबर होता है। यह वजन प्रबंधन और पाचन के लिए मकई से बेहतर होता है।
  • विटामिन्स और मिनरल्स: बाजरा में आयरन और मैग्नीशियम मकई की तुलना में ज्यादा होता है, जिससे यह पोषण के मामले में बेहतर है।

बाजरा के पोषण संबंधी लाभ | Benefits of millets in Hindi

बाजरा (Millets) स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी अनाज है। यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है और कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। यहाँ बाजरा के प्रमुख पोषण संबंधी लाभ दिए गए हैं:

  1. फाइबर से भरपूर: बाजरा में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करता है।
  2. हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी: बाजरा में मैग्नीशियम और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं जो रक्तचाप को नियंत्रित रखते हैं और हृदय रोगों के जोखिम को कम करते हैं।
  3. मधुमेह नियंत्रण: बाजरा में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर रखने में मदद करता है। मधुमेह रोगियों के लिए बाजरा का सेवन फायदेमंद होता है।
  4. प्रोटीन का स्रोत: बाजरा में अच्छी मात्रा में प्रोटीन होता है, जो शरीर के ऊतकों के निर्माण और मरम्मत में मदद करता है। यह शाकाहारी लोगों के लिए एक अच्छा प्रोटीन स्रोत है।
  5. ग्लूटेन-फ्री: बाजरा स्वाभाविक रूप से ग्लूटेन-फ्री होता है, जिससे यह उन लोगों के लिए उपयुक्त है जिन्हें ग्लूटेन से एलर्जी या संवेदनशीलता होती है।
  6. वजन नियंत्रण: बाजरा में उच्च फाइबर और प्रोटीन की वजह से इसे खाने के बाद लंबे समय तक भूख नहीं लगती, जिससे वजन नियंत्रण में सहायता मिलती है।
  7. मजबूत हड्डियाँ: बाजरा में कैल्शियम, फॉस्फोरस, और मैग्नीशियम जैसे खनिज होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
  8. एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर: बाजरा में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर की कोशिकाओं को फ्री रैडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते हैं और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं।
  9. पोषक तत्वों से भरपूर: बाजरा में आयरन, जिंक, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, और विटामिन B जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर की समग्र सेहत को बेहतर बनाते हैं।

बाजरा को आहार में शामिल करने के फायदे

बाजरा को अपने आहार में शामिल करना स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह पोषण से भरपूर और कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने वाला अनाज है। यहाँ बाजरा को आहार में शामिल करने के कुछ प्रमुख फायदे दिए गए हैं:

  • बाजरा में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है और कब्ज जैसी समस्याओं को कम करता है।यह पेट को साफ रखने में मदद करता है और आंतों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
  • बाजरा में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जिससे यह रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर बनाए रखने में मदद करता है।मधुमेह रोगियों के लिए यह एक अच्छा विकल्प है, क्योंकि यह ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ने से रोकता है।
  • बाजरा में उच्च फाइबर और प्रोटीन होने के कारण इसे खाने से जल्दी भूख नहीं लगती और पेट भरा रहता है, जिससे अनावश्यक खाने की इच्छा कम होती है।यह वजन घटाने और स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद करता है।
  • बाजरा में कैल्शियम, फॉस्फोरस, और मैग्नीशियम की अधिक मात्रा होती है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करती है।यह हड्डियों के विकास और उनके घनत्व को बढ़ाने में सहायक होता है, खासकर बुजुर्गों और बच्चों के लिए।
  • बाजरा में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और फाइटोन्यूट्रिएंट्स शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं।यह शरीर को संक्रमण और बीमारियों से लड़ने में मदद करता है।
  • बाजरा में उच्च मात्रा में मैग्नीशियम होता है, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी है।यह रक्तचाप को नियंत्रित रखने में मदद करता है और हृदय रोगों के जोखिम को कम करता है।
  • बाजरा में मौजूद प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स त्वचा को स्वस्थ रखते हैं और बालों को मजबूती और चमक प्रदान करते हैं।इसमें आयरन की अच्छी मात्रा होती है, जो बालों के झड़ने की समस्या को कम करने में मदद कर सकती है।
  • बाजरा में कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो शरीर को धीरे-धीरे ऊर्जा प्रदान करते हैं और लंबे समय तक सक्रिय बनाए रखते हैं।यह थकान को दूर करने में मदद करता है और शरीर को ऊर्जा से भरपूर रखता है

पारंपरिक फसलों की तुलना में बाजरा के लाभ

बाजरा पारंपरिक फसलों (जैसे गेहूं और चावल) की तुलना में कई मायनों में अधिक लाभकारी है, खासकर पोषण, पर्यावरणीय अनुकूलता और खेती के दृष्टिकोण से। यहाँ पारंपरिक फसलों की तुलना में बाजरा के कुछ प्रमुख लाभ दिए गए हैं:

  • बाजरा में फाइबर और प्रोटीन की मात्रा गेहूं और चावल से अधिक होती है। यह पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है और लंबे समय तक पेट भरा महसूस कराता है, जिससे वजन नियंत्रण में मदद मिलती है।
  • बाजरा की खेती जल संरक्षण में मदद करती है और पानी की कमी वाले क्षेत्रों में इसे उगाना आसान होता है।
  • बाजरा की खेती में उर्वरकों और कीटनाशकों की जरूरत कम होती है, जबकि गेहूं और चावल की खेती में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग अधिक होता है। इससे बाजरा की खेती पर्यावरण के लिए कम हानिकारक होती है।
  • बाजरा फसल चक्रीकरण (crop rotation) के लिए एक आदर्श विकल्प है, जो मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने में मदद करता है।
  • बाजरा की खेती उष्णकटिबंधीय और शुष्क क्षेत्रों में संभव है, जबकि पारंपरिक फसलें सीमित पर्यावरणीय परिस्थितियों में ही बेहतर होती हैं।
  • बाजरा जल्दी पकने वाली फसल है और इसे केवल 60-90 दिनों में काटा जा सकता है, जबकि गेहूं और चावल की फसल को पकने में अधिक समय लगता है। यह इसे किसानों के लिए एक सुविधाजनक और तेजी से उगाई जाने वाली फसल बनाता है।

FAQ

मिलेट्स क्या हैं?

मिलेट्स प्राचीन अनाजों का एक समूह है जिसमें बाजरा, रागी, कंगनी, ज्वार, कुटकी, हरी कंगनी और अन्य अनाज शामिल हैं। ये छोटे दानों वाले अनाज होते हैं जो सूखे और कठिन परिस्थितियों में भी उगाए जा सकते हैं।

मिलेट्स के प्रकार कौन-कौन से होते हैं?

मिलेट्स कई प्रकार के होते हैं, जैसे ज्वार (Sorghum), रागी (Finger Millet), कंगनी (Foxtail Millet), बाजरा (Pearl Millet), कुटकी (Little Millet), हरी कंगनी (Browntop Millet), और सावां (Barnyard Millet) आदि।

क्या मिलेट्स ग्लूटेन-फ्री होते हैं?

मिलेट्स स्वाभाविक रूप से ग्लूटेन-फ्री होते हैं, जिससे वे उन लोगों के लिए बहुत अच्छे विकल्प हैं जिन्हें ग्लूटेन से एलर्जी या सीलिएक रोग होता है।

5/5 - (3 votes)

Leave a Comment