योगराज गुग्गुल एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औषधि है जिसे कई प्रकार के दुर्लभ जड़ी बूटियों के उपयोग से बनाया जाता है यह अनेक प्रकार के रोग में उपयोगी होता है। इस लेख में हम योगराज गुग्गुल के फायदे और नुकसान के विषय पर चर्चा करने जा रहे है।
योगराज गुग्गुल की प्रमुख विशेषता इसकी दुर्लभ आयुर्वेदिक औसधियाँ है। योगराज अपनी औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है आयुर्वेद में इसे विशेष महत्व दिया जाता है क्योंकि यह शरीर को स्वस्थ और निरोग रखने में बहुत सहायक होता है।
शरीर में दर्द, सूजन, तनाव, चिंता या शरीर में पाचन की समस्या एवं मोटापे की समस्या इत्यादि में यह लाभ देता है चलिए विस्तार से जानते हैं योगराज गुग्गुल के फायदे और नुकसान एवं इसके घटक की विशेषताओं के बारे में।
योगराज गुग्गुल के प्रमुख घटक एवं इसके फायदे
कोई भी आयुर्वेदिक दवा या टैबलेट कितना फायदेमंद होगा और कौन कौन सी समस्या का इलाज कर पाने में सक्षम होगा ये सभी उस आयुर्वेदिक दवा के घटक यानी कि उसमे इस्तेमाल की गई जड़ी बूटी के विशेषता के ऊपर निर्भर करता है।
आयुर्वेदिक दवाओं में इस्तेमाल किए गये घटक उस दवा के शक्ति एवं विशेषता को बताती है। योगराज गुग्गुल में अनेकों प्रकार के जड़ी बूटी का इस्तेमाल की जाती है। चलिए जानते है योगराज गुग्गुल के प्रमुख घटक एवं इसके फायदे के बारे में।
योगराज गुग्गुल के प्रमुख घटक की लिस्ट:
घटक | सामान्य नाम | पेड़ का भाग | मात्रा |
गुग्गुलु | शुद्ध किया हुआ कुमिफोरा मुकुल | 270 ग्राम | |
चित्रक | प्लम्बैगो जेइलानिका | जड़ | 10 ग्राम |
पिप्पली मूल | लम्बी मिर्च की जड़ | पिपेर लोंगम | 10 ग्राम |
यवानी | तर्चिस्पर्मम अम्मी | बीज | 10 ग्राम |
करवी | पिपेर चाबा | फल | 10 ग्राम |
अजमोदा | तर्चिस्पर्मम रोक्सबर्गियानम | फल | 10 ग्राम |
जीरक | जीरा | बीज | 10 ग्राम |
सुरदारु | देवदार | ह्रदयकाष्ठ | 10 ग्राम |
चव्य | पिपेर क्यूबेबा | तना | 10 ग्राम |
एला | इलायची | बीज | 10 ग्राम |
सैन्धव लवण | सेंधा नमक | 10 ग्राम | |
कुश्ता | सॉस्यूरिया लैप्पा | जड़ | 10 ग्राम |
रासना | प्लूचिया लैंसिओलेटा | जड़/पत्ते | 10 ग्राम |
गोक्षुर | ट्रिब्यूलस टेरेस्ट्रिस | फल | 10 ग्राम |
धन्याका | धनिया | फल | 10 ग्राम |
हरीतकी | टर्मिनालिया चेबुला | 10 ग्राम | |
विभीतकी | टर्मिनालिया बेल्लिरिका | 10 ग्राम | |
आमलकी | एम्ब्लिका ऑफिसिनालिस | 10 ग्राम | |
मुस्ता | सायपरस रोटुंडस | 10 ग्राम | |
त्रिकटु | काली मिर्च, लम्बी मिर्च और अदरक | 10 ग्राम | |
त्वक | दालचीनी | 10 ग्राम | |
उशीर | वेटिवेरिया ज़िज़ानियोइड्स | 10 ग्राम | |
यवाग्रज | होर्डियम वल्गारे | जौ | 10 ग्राम |
तालीसपत्र | एबिज वेब्बियाना | 10 ग्राम | |
पत्र | सिनामोमम ज़ेइलानिकम | 10 ग्राम | |
शुंठी | अदरक | 10 ग्राम | |
सर्पि | घी | पर्याप्त मात्रा |
योगराज गुग्गुल के प्रमुख घटक के फायदे निम्नलिखित है:
1. गुग्गुल: गुग्गुल एक प्रकार की राल है जो कमिफोरा मुकुल पेड़ से प्राप्त होती है। यह सूजन, दर्द और मोटापे के उपचार में उपयोगी है।
2. हरितकी: हरितकी एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो पाचन तंत्र को सुधारने और कब्ज से राहत देने में सहायक होती है।
3. विभीतकी: विभीतकी का उपयोग श्वसन तंत्र को स्वस्थ रखने और गले की समस्याओं के उपचार में किया जाता है।
4. आमलकी: आमलकी, जिसे आंवला भी कहा जाता है, विटामिन सी का उत्कृष्ट स्रोत है और यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाती है।
5. शुंठी: शुंठी या सूखी अदरक पाचन में सुधार और अपच से राहत देने में सहायक होती है।
6. पिप्पली: पिप्पली का उपयोग जठराग्नि को बढ़ाने और पाचन को सुधारने के लिए किया जाता है।
7. चित्रक: यह बहुगुणी जड़ी बूटी है इसके उपयोग से पाचन तंत्र को सुधारने में मदद मिलती है और यह भूख बढ़ाने में सहायक होता है। चित्रक में सूजन रोधी गुण पाए जाते है और इसका उपयोग गठिया और संधिवात जैसी बीमारियों में भी किया जाता है। यह त्वचा रोगों के उपचार में भी कारगर है और घावों को तेजी से भरने में मदद करता है।
8. यवानी: यवानी, जिसे अजवाइन के नाम से भी जाना जाता है, पेट के विकारों के लिए अत्यंत लाभकारी होती है। यह गैस, अपच, और पेट दर्द में राहत प्रदान करती है।
9. करवी: करवी का उपयोग विशेष रूप से पाचन समस्याओं को दूर करने में किया जाता है। यह भूख बढ़ाने और अपच को ठीक करने में सहायक है। इसके अलावा, करवी में सूजनरोधी और दर्द निवारक गुण होते हैं, जो गठिया और अन्य सूजन संबंधी विकारों में राहत प्रदान करते हैं।
10. अजमोदा (आजवाइन): इसका उपयोग पाचन तंत्र को सुधारने के लिए किया जाता है। यह गैस, पेट दर्द और अपच में राहत प्रदान करता है। अजमोदा में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं।
11. जीरा: जीरा एक आम मसाला है जिसका उपयोग पाचन तंत्र को सुधारने में किया जाता है। यह गैस, अपच और पेट दर्द में राहत प्रदान करता है।
12. सैन्धव लवण: सैन्धव लवण, जिसे सेंधा नमक भी कहा जाता है, का उपयोग पाचन तंत्र को सुधारने के लिए किया जाता है।
13. रासना: रासना का उपयोग आयुर्वेद में संधिवात और गठिया जैसी बीमारियों के उपचार में किया जाता है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं।
14. गोक्षुर: गोक्षुर का उपयोग मूत्र रोगों के उपचार में किया जाता है। यह मूत्र मार्ग के संक्रमण, गुर्दे की पथरी और मूत्र प्रवाह में सुधार करता है।
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10+ List योगराज गुग्गुल के फायदे और नुकसान
गुग्गुल, हरितकी, विभीतकी, आंवला, शुंठी, चित्रक, रासना और गोक्षुर जैसे आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से बनने वाला योगराज गुग्गुल एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औषधि है। योगराज गुग्गुल के कई फायदे और नुकसान है जिसकी विस्तृत जानकारी निम्नलिखित दी गई है।
1. जोड़ों के दर्द में राहत
पतंजलि योगराज गुग्गुल जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में प्रभावी है। यह गठिया जैसी समस्याओं में भी लाभ पहुंचाती है। दरअसल इसमें चित्रक, रासना और गोक्षुर पाया जाता है यह तीनों आयुर्वेदिक घटक जोड़ों के दर्द, गठिया, आर्थराइटिस और चोट के सुजन को कम करने में सहायक होते है।
चित्रक वात दोष को संतुलित कर जोड़ों के दर्द में राहत पहुंचाता है, रासना चोट का दर्द और सूजन को कम करती है यह गठिया और अर्थराइटिस में भी फायदेमंद होती है और इसी के साथ गोक्षुर में भी सूजन को कम करने और जोड़ो के दर्द को कम करने और आराम पहुंचाने वाले गुण पाए जाते है।
2. सूजन कम करने में सहायक
योगराज गुग्गुल में सूजनरोधी गुण होते हैं जो शरीर के विभिन्न हिस्सों में सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इसमें रासना और गोक्षुर जैसे आयुर्वेदिक घटक पाए जाते है जिसमे सूजन को कम करने और दर्द में आराम पहुंचाने वाले गुण होते है।
रासना और गोक्षुर सूजन की समस्या को ठीक करने वाले बहुत कारगर आयुर्वेदिक जड़ी बूटी होती है।
3. पाचन तंत्र को सुधारना
योगराज गुग्गुल पाचन तंत्र को सुधारता है और अपच, कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है क्यूंकि इसमें पिप्पली, अजमोदा और जीरा के घटक पाए जाते है जो पेट के पाचन तंत्र को सुधारने में बहुत कारगर होते है।
पिप्पली, अजमोदा (आजवाइन) और जीरा यह तीनों पाचन तंत्र के पाचक रस को बढाने, गैस और अपच को सुधारने और पेट की समस्याओं को कम करने में सहायक होते है।
4. शरीर की शुद्धि
लंबे समय तक असंतुलित या अस्वस्थ भोजन ग्रहण करने से या लंबे समय तक किसी बीमारी से ग्रस्त रहने से शरीर में कई प्रकार की अशुद्धियां एवं विषाक्त पदार्थ जमा हो जाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं।
योगराज गुग्गुल में चित्रक और गोक्षुरा जैसे घटक पाए जाते है जो रक्त को सुद्ध करने में और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बहार निकालने में मदद करता है इसी के साथ किडनी के कार्य क्षमता को बढाने में भी योगराज गुग्गुल फायदेमंद होता है।
यह शरीर को विषाक्त पदार्थों से मुक्त करने में सहायक होता है और शरीर की शुद्धि करता है।
5. वजन घटाने में मदद
योगराज गुग्गुल का घटक चित्रक और पिप्पली शरीर के वजन को घटाने में सहायक होता है। चित्रक मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और वजन घटाने में मदद करता है और पिप्पली शरीर के चर्बी को कम करने में मदद करता है।
योगराज गुग्गुल के रोजाना सेवन से शरीर का वजन घटता है।
6. मानसिक तनाव और चिंता में राहत
योगराज गुग्गुल मानसिक तनाव और चिंता को कम करने में भी सहायक है, चित्रक मानसिक तनाव और चिंता में राहत प्रदान करती है।
7. मासिक धर्म संबंधी समस्याओं में सहायक
महिलाओं में मासिक धर्म से संबंधित समस्याओं जैसे अनियमितता और दर्द में भी यह फायदेमंद हो सकता है। योगराज गुग्गुल को बनाने में इस्तेमाल की गयी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी चित्रक अनियमित मासिक धर्म को नियमित करती है और मासिक धर्म में आने वाले परेशानियों में भी लाभ पहुंचती है।
8. गठिया और आर्थराइटिस में राहत
योगराज गुग्गुल गठिया और आर्थराइटिस के दर्द में राहत दिलाने में बहुत उपयोगी है जैसा की हमने पहले भी भी बताया है योगराज गुग्गुल में प्रमुख घटक रासना और चित्रक पाया जाता है जो गठिया और आर्थराइटिस की समस्या में बहुत फायदेमंद होते है।
9. हड्डियों और मांसपेशियों की मजबूती
गोक्षुर में शरीर की मांसपेसियों को मजबूत करने और हड्डियों को मजबूत करने वाले गुण पाए जाते है इसका नियमित सेवन करने से बेजान शरीर में मजबूती आती है, हड्डियाँ मजबूत होती है और शरीर भी उर्जावान होता है।
यह हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, इसके अलावा शरीर की ताकत और सहनशक्ति को बढाता है।
10. त्वचा रोगों में फायदेमंद
योगराज गुग्गुल त्वचा रोगों के उपचार में भी उपयोगी है और त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाता है।
11. रक्त शुद्धि में सहायक
योगराज गुग्गुल में चित्रक और गोक्षुरा के घटक है जो शरीर के अन्दर उपलभ विषाक्त पदार्थ को बहार निकलने में सहायक होते है, गोक्षुर हमारे शरीर के किडनी की कार्य क्षमता को बढ़ता है इससे रक्त साफ़ होता है, जिससे शरीर में ऊर्जा और ताजगी बनी रहती है।
12. ऊर्जा और सहनशक्ति में वृद्धि
गुग्गुल में कई आयुर्वेदिक घटक है जो शरीर के उर्जा को बढाते है इसका सेवन करने से शरीर में ऊर्जा और सहनशक्ति बढ़ाता है और यह दिनभर आपको ऊर्जावान महसूस करता हैं।
योगराज गुग्गुल बहुत पुरानी और प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औसधी है जिसको कई प्रकार के आयुर्वेदिक जड़ी बूटी के मिश्रण से निर्माण किया जाता है। इस दवाई का सेवन से किसी को कोई गंभीर नुक्सान है साइड इफ़ेक्ट नहीं होता।
यह औसधी किसी के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं है.
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योगराज गुग्गुल का सेवन कैसे करें
दवाई चाहे आयुर्वेदिक हो या फिर अंग्रेजी दोनों को चिकित्सक के सलाह के बाद ही उपयोग में लेना चाहिए। योगराज गुग्गुल का सेवन करने का तरीका प्रत्येक व्यक्ति के उम्र, लिंग और वर्तमान की शारीरिक अवस्था के ऊपर निर्भर करता है।
सामान्यतः योगराज गुग्गुल को एक युवा अथवा व्यस्क व्यक्ति दिन में दो बार सेवन करता है, गोली की मात्रा 1-1 से 2-2 भी हो सकती है।
अधिकतर आयुर्वेदिक टेबलेट या दवाई को हल्का गुनगुना पानी या दूध के साथ ही सेवन किया जाता है।
पतंजलि योगराज गुग्गुल के फायदे और बैद्यनाथ योगराज गुग्गुल के फायदे एवं दोनों में अंतर
योगराज गुग्गुल एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसको कई प्रकार की लाभदायक जड़ी बूटियों के मिश्रण से बनाया जाता है यह शरीर के कई तरह की समस्याओं में लाभ देती है।
बैद्यनाथ और पतंजलि यह दोनों अलग-अलग आयुर्वेदिक दवा उत्पादन करने वाली कंपनियां है एवं यह दोनों ही योगराज गुग्गुल आयुर्वेदिक टेबलेट का निर्माण करती है और उन्हें बाजार में बेचती हैं।
यद्यपि पतंजलि बैद्यनाथ दोनों ही आयुर्वेदिक कंपनियां योगराज गुग्गुल औषधि को बनाने के लिए लगभग एक समान ही आयुर्वेदिक जड़ी बूटी एवं एक समान ही विधि का उपयोग करते हैं अतः दोनों ही दवाइयां घटक एवं विधि रूप से एक समान होते हैं इसलिए इन दोनों का फायदा भी एक समान ही होता है।
पतंजलि योगराज गुग्गुल के फायदे
पतंजलि योगराज गुग्गुल के निम्नलिखित फायदे होते है:
- जोड़ों के दर्द में राहत दिलाता है
- चोट का सूजन कम करने में सहायक होता है
- पाचन तंत्र को सुधरती है
- शरीर के विषाक्त पदार्थ को बहार निकाल शरीर सुद्ध करती है
- वजन घटाने में मदद करती है
बैद्यनाथ योगराज गुग्गुल के फायदे
बैद्यनाथ योगराज गुग्गुल के निम्नलिखित फायदे होते है:
- गठिया और आर्थराइटिस में राहत दिलाती है
- हड्डियों और मांसपेशियों की मजबूती बढ़ाती है
- त्वचा रोग में फायदेमंद है
- रक्त शुद्धि में बढाने में सहायक है
- ऊर्जा और सहनशक्ति में वृद्धि करती है
उपरोक्त जानकारी पतंजलि योगराज गुग्गुल के फायदे और बैद्यनाथ योगराज गुग्गुल के फायदे के बारे में है। दोनों ही ब्रांड के योगराज गुग्गुल एकसमान ही फायदा और लाभ पहुंचती है क्यूंकि दोनों में एकसमान ही जड़ी बूटी का इस्तेमाल होता है।
पतंजलि और बैद्यनाथ के योगराज गुग्गुल में बस इतना ही अंतर है की दोनों अलग अलग नामों से बेचे जाते है बाकी दोनों का काम और गुण एकसमान ही है।
FaQ related to योगराज गुग्गुल के फायदे और नुकसान
योगराज गुग्गुलु कब लेना चाहिए?
योगराज गुग्गुलु का खुराक व्यक्ति का उम्र, लिंग एवं वर्तमान स्वास्थ्य की स्थिति के ऊपर निर्भर करता है। सामान्यतः इसका खुराक सुबह शाम 1-1 या 2-2 टेबलेट होता है.
योगराजा गुग्गुलु किसके लिए प्रयोग किया जाता है?
जोड़ों के दर्द, गढ़ियाँ एवं सूजन की समस्या को ठीक करने के लिए प्रयोग किया जाता है.
योगराजा गुग्गुल कब तक ले सकते हैं?
योगराजा गुग्गुल का कौर्स आपके शरीर की समस्या एवं उम्र पर निर्भर करता है, इसका कौर्स 24 सप्ताह तक का हो सकता है.
योगराजा गुग्गुल किसे नहीं लेना चाहिए?
यदि आपका पहले से ही कोई बीमारी या शारीरिक समस्या की दवाई चल रही है तो इसका उपयोग नहीं करना चाहिये.
क्या योगराज गुग्गुल का कोई तत्काल प्रभाव होता है?
इसका प्रभाव धीरे-धीरे होता है और नियमित सेवन से लाभ मिलता है।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल में हमने योगराज गुग्गुल के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की है, इस आर्टिकल को पढ़कर आप जान पाएंगे की योगराज गुग्गुल के फायदे क्या है योगराज गुग्गुल के नुक्सान क्या है और पतंजलि योगराज गुग्गुल के फायदे और बैद्यनाथ योगराज गुग्गुल के फायदे एवं दोनों में अंतर क्या है।
यदि आपने इस आर्टिकल को पढ़ा है तो आशा है आपको यह आर्टिकल पढ़कर जरुरत की जानकारी प्राप्त हुई होगी, आर्टिकल पूरा पढने के लिए आपका धन्यवाद.